देश और पुरी दुनिया बुधवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Gandhi Jayanti) की जयंती पर पूरा उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है. भारत की आजादी में उनके योगदान को याद किया जा रहा है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश से भी महात्मा गांधी की कई यादें जुड़ी हैं. हालांकि, हिमाचल से जुड़ी स्मृतियों के बारे में सरकार और प्रशासन कई दशक तक गलत जानकारी देता रहा. महात्मा गांधी की शिमला यात्रा (Shimla Tour) की स्मृतियां के बारे में रिज मैदान पर पट्टिकाए लगाई गई हैं, लेकिन दशकों तक प्रशासन इन पट्टिकाओं के माध्यम से प्रदेशवासियों और पर्यटकों को अधूरी जानकारी देता रहा.
इन पट्टिकाओं में बापू की महज आठ यात्राओं का विवरण लिखा गया था, जबकि वास्तव में उन्होंने शिमला की दस यात्राएं की थीं. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 1921 से लेकर 1946 तक 10 बार शिमला आए. हालांकि, अब इस गलती को सुधार लिया गया है. इतिहास में रुचि रखने वाले शोधकर्ता विनोद भारद्वाज ने पूर्व आईएएस अधिकारी और विख्यात लेखक श्रीनिवास जोशी के सहयोग से राष्ट्रपिता की शिमला से जुड़ी यादों के साथ हुए छल को दूर करने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी.
कब-कब शिमला आए महात्मा गांधी
12 मई 1921 से 17 मई 1921.
13 मई 1931 से 17 मई 1931.
15 जुलाई 1931 से 22 जुलाई 1931.
25 अगस्त 1931 से 27 अगस्त 1931.
4 सितंबर 1939 से 5 सितंबर 1939.
26 सितंबर 1939 से 27 सितंबर 1939.
29 जून 1940.
27 सितंबर 1940 से 30 सितंबर 1940.
24 जून 1945 से 16 जुलाई 1945.
2 मई 1946 से 14 मई 1946.
रामसुभग सिंह ने दिए थे निर्देश
वर्ष 2022 में तत्कालीन मुख्य सचिव रामसुभग सिंह ने ही इस तथ्य को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे. राज्य भाषा एवं संस्कृति विभाग ने उस समय भी नगर निगम को इस संबंध में उचित कदम उठाने के लिए कहा था. हाल ही में साहित्यकार श्रीनिवास जोशी और इतिहासकार विनोद भारद्वाज ने फिर एक बार सरकार से यह मामला उठाया है. वर्तमान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने भी इस पर उपयुक्त कदम उठाने के लिए कहा था.
राज्य भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित ने बताया कि नगर निगम को तथ्य बताए गए थे और अब पुरानी पट्टिकाएं हटाकर नई लगाई गई हैं. गौरतलब है कि शिमला भारत की समर कैपिटल थी और ऐसे में अंग्रेज गर्मियों में यहां से शासन करते थे. आजादी से पहले कई मीटिंग के सिलसिले में गांधी जी शिमला आए थे. वह हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी के गेस्ट में रुकते थे.
डगसाई जेल में बंद रहे थे
बता दें कि इसके अलावा, सोलन की चर्चित डगशाई जेल में भी महात्मा गांधी एक दिन के लिए रहे थे. यहां पर उन्होंने एक दिन गुजारा था. यहां पर उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे को भी बंदी के तौर पर रखा गया था. जबकि गांधी जी यहां पर मेहमान बनकर आए थे. अब यहां पर म्यूजियम है. जहां पर वह कक्ष अब भी मौजूद रहे, जहां पर गांधी जी रहे थे.