शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने फ्यूचर एंड ऑप्शंस (Future & Options) को रेगुलेट करने की तैयार कर ली है. सेबी ने कहा है कि भारी जोखिम वाले फ्यूचर एंड ऑप्शंस को रेगुलेट करने के लिए नए फ्रेमवर्क को लागू किया जाएगा. एफ एंड ओ में कॉंट्रैक्ट साइज को 5-10 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया जाएगा साथ ही एक एक्सचेंज को केवल एक वीकली एक्सपाइरी की इजाजत होगी.
इक्विटी इंडेक्स डेरिवेटिव्स फ्रेमवर्क को मजबूती देने के लिए फ्यूचर एंड ऑप्शंस को लेकर सेबी का रेगुलेशन 20 नवंबर, 2024 से अलग अलग चरणों में लागू किया जाएगा. सेबी ने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग को रेगुलेट करने के लिए 6 नियमों का प्रस्ताव दिया है. सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि ऑप्शन बायर से ऑप्शन प्रीमियम की अपफ्रंट वसूली की जाएगी. ये नियम एक फरवरी 2025 से लागू होगा. साथ ही एक अप्रैल 2025 से पोजीशन लिमिट की इंट्राडे मॉनिटरिंग होगी.
एक्सपाइजरी के दिन वॉल्यूम में तेज उछाल देखने को मिलता है जिसमें होल्डिंग पीरियड कुछ मिनटों का होता है और इंडेक्स के वैल्यू में काफी उतार-चढ़ाव भी पूरे दिन और एक्सपाइजरी पर देखने को मिलता है.सेबी ने कहा, इससे निवेशकों की सुरक्षा और बाजार स्थिरता पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन पूंजी में बढ़ोतरी नहीं आती है. इसलिए रेगुलेटर ने अनिवार्य कर दिया है कि प्रत्येक एक्सचेंज में एक हफ्ते में में केवल एक इंडेक्स के लिए डेरिवेटिव कॉंट्रैक्ट होगा.
हाल ही में सेबी की रिपोर्ट आई है जिसके मुताबिक डेरिवेटिव्स सेगमेंट (Derivatives Segment) यानि फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेड करने वाले 1.13 करोड़ ट्रेडर्स ने 1.81 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए. वित्त वर्ष 2023-24 में निवेशकों को 75000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. सेबी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 1 करोड़ नुकसान झेलने वाले ट्रेडर्स जो कुल ट्रेडर्स के 92.8 फीसदी हैं उन्हें पिछले तीन वित्त वर्ष में फ्यूचर एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंग करने पर 2 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. केवल 7.2 फीसदी फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडर्स हैं जिन्हें पिछले तीन वित्त वर्ष के दौरान मुनाफा हुआ है. वायदा कारोबार में निवशकों को हो रहे नुकसान के चलते ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फ्यूचर एंड ऑप्शन के ट्रेड पर सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (Securities Transaction Tax) में बढ़ोतरी की है वो एक अक्टूबर 2024 से लागू हो गया है.