जीएसटी दरों को युक्सिंगत बनाने के लिए बनी मंत्री स्तरीय समिति आम आदमी को बड़ी राहत दे सकती है. समिति कई दवाइयों, इंश्योरेंस और ट्रैक्टरों पर जीएसटी दर को कम करके 5 फीसदी तक कम करने पर विचार कर रही है. वर्तमान में ट्रैक्टरों पर 12% या 28% जीएसटी लगता है, जो उनके वर्गीकरण पर निर्भर करता है. ट्रैक्टरों से होने वाले कम राजस्व की भरपाई महंगे इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर जीएसटी दर बढ़ाकर की जा सकती है.
हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी दर में कटौती होने की भी संभावना ह. स्वास्थ्य बीमा पर 18% से घटाकर 12% तक जीएसटी किया जा सकता है, जबकि टर्म इंश्योरेंस पर 5% जीएसटी लगने की उम्मीद है. हालांकि, टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी शून्य करने की मांग कई दिनों से उठ रही है, लेकिन इससे बीमा कंपनियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का नुकसान हो सकता है. ऐसे में टर्म इंश्योरेंस पर 5% जीएसटी का प्रस्ताव सबसे उपयुक्त माना जा रहा है.
12 फीसदी के दायरे में कम होगी वस्तुएं
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, मंत्री स्तरीय समिति जीएसटी की चार दरों को तीन में बदलने के पक्ष में नहीं है, लेकिन 12% की दर वाली वस्तुओं की संख्या घटाने पर विचार हो रहा है. कुछ वस्तुओं को 5% के स्लैब में डाला जा सकता है, जबकि कुछ अन्य वस्तुएं 18% के स्लैब में स्थानांतरित की जा सकती हैं.
इस महीने के अंत तक आ जाएंगी सिफारिशें
समिति इस महीने के अंत तक अपनी सिफारिशें स्पष्ट करेगी. 19 अक्टूबर को बीमा पर चर्चा के लिए बैठक होगी और 20 अक्टूबर को दर युक्तिकरण पर वस्तु-विशेष पर चर्चा की जाएगी. हालांकि कई राज्य वित्त मंत्रियों ने तीन दर संरचना के लिए सहमति जताई है. वहीं, केरल, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल वर्तमान दरों को बनाए रखने के पक्ष मे हैं. केरल के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल दरों को कम करने को लेकर अधिक संकोच दिखा रहे हैं, क्योंकि राज्य की कमजोर वित्तीय स्थिति इसका एक प्रमुख कारण है.