शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन आज 4 अक्टूबर दिन शुक्रवार को है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नवरात्रि का दूसरा दिन अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को होता है. नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. आज के दिन वैधृति योग, चित्रा नक्षत्र का संयोग बना है और तुला राशि का चंद्रमा है. मां ब्रह्मचारिणी सफेद वस्त्र में कमंडल एवं जप की माला धारण करने वाली हैं. वे अपनी कठोर साधना के लिए प्रसिद्ध हैं. इस वजह से उनको ब्रह्मचारिणी कहते हैं. वे दूसरी नवदुर्गा हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग आदि के बारे में.
शारदीय नवरात्रि 2024 दूसरा दिन
अश्विन शुक्ल द्वितीया तिथि का प्रारंभ: आज, 4 अक्टूबर, 02:58 एएम से
अश्विन शुक्ल द्वितीया तिथि का समापन: कल, 5 अक्टूबर, 05:30 ए एम पर
उदयातिथि के आधार पर अश्विन शुक्ल द्वितीया तिथि आज है.
शारदीय नवरात्रि दूसरा दिन 2024 मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:38 ए एम से 05:27 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:46 ए एम से 12:33 पी एम
अमृत काल: 11:24 ए एम से 01:13 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:07 पी एम से 02:55 पी एम
शारदीय नवरात्रि दूसरा दिन 2024 चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 06:15 ए एम से 07:44 ए एम
चर-सामान्य मुहूर्त: 10:41 ए एम से 12:10 पी एम
लाभ-उन्नति मुहूर्त: 12:10 पी एम से 01:38 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त: 01:38 पी एम से 03:07 पी एम
शुभ-उत्तम मुहूर्त: 04:36 पी एम से 06:04 पी एम
मां ब्रह्मचारिणी पूजा मंत्र
1. ओम देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
2. ब्रह्मचारयितुम शीलम यस्या सा ब्रह्मचारिणी।
सच्चीदानन्द सुशीला च विश्वरूपा नमोस्तुते।।
3. या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां ब्रह्मचारिणी का भोग
पूजा के दौरान मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत और शक्कर का भोग लगाना चाहिए. इससे देवी प्रसन्न होती हैं और मनोकामनाएं पूरी करती हैं.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि
नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह में स्नान आदि से निवृत होकर व्रत और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का संकल्प करते हैं. उसके बाद मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अक्षत्, कुमकुम, फूल, फल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से करते हैं. पूजा के समय उनके मंत्रों का उच्चारण करें. मां ब्रह्मचारिणी को चमेली के फूलों की माला पहनाएं. उसके बाद शक्कर और पंचामृत का भोग लगाएं. दुर्गा चालीसा का पाठ कर सकते हैं. श्री दुर्गा सप्तशती भी पढ़ें. पूजा के अंत में मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें.
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के फायदे
1- जो व्यक्ति व्रत रखकर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि विधान से करता है. उसको कार्यों में सफलता मिलती है.
2- उसके अंदर जप, तप, त्याग आदि जैसे सात्विक गुणों का विकास होता है.
3-वह विषम परिस्थितियों से लड़ने में सक्षम बन सकता है.