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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग मानसून सक्रियता : दूध-दवाई से लेकर गैस सिलेंडर तक रख लें, बंगाल की खाड़ी से आया रेड सिग्‍नल, शनिवार तक भारी बारिश

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साउथ-वेस्‍ट मानसून की सक्रियता देशभर में कम हो गई है. देश के मैदानी हिस्‍सों में बारिश भी काफी कम हो चुकी है. अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने ताजा अलर्ट जारी किया है. इसके अनुसार, बंगाल की खाड़ी से लगते तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है. IMD के विज्ञानियों ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में हलचल तेज हो गई है. कम दबाव का क्षेत्र बनने के चलते कई इलाकों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है. खासकर पश्चिम बंगाल और ओडिशा के इससे सबसे ज्‍यादा प्रभावित होने का पूर्वानुमान जताया गया है. ऐसे में जरूरी सामान पहले ही जुटाकर रखने में समझदारी है. ये दोनों राज्‍य बंगाल की खाड़ी से लगते हैं. साथ ही इसका असर झारखंड और बिहार पर भी देखा जा सकता है. बात दें कि बिहार के कई जिले इन दिनों भीषण बाढ़ की चपेट में हैं.

IMD गुरुवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी के उत्‍तरी हिस्‍से में कम दबाव का क्षेत्र बनने की पूरी संभावना है. शुक्रवार (4 अक्‍टूबर 2024) को इसके मजबूत होने का पूर्वानुमान है. इससे पश्चिम बंगाल के विभिन्‍न हिस्‍सों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है. मौसम विज्ञानियों ने आगे बताया कि मौसम में उथल-पुथल की वजह से सब-हिमालयन क्षेत्र में आने वाले जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है. शनिवार तक ऐसी ही स्थिति बनी रहने की संभावना है. IMD के अलर्ट के अनुसार, दक्षिण बंगाल में आने वाले जिलों में 4 अक्‍टूबर को मूसलाधार बारिश होने की बात कही गई है. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में बारिश का चक्र थमा हुआ था, जिसके एक बार फिर से तेज होने के आसार बढ़ गए हैं.

लैंडस्‍लाइड का अलर्ट
पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्‍सों में लैंडस्‍लाइड को लेकर भी अलर्ट जारी किया गया है. IMD पर्वतीय जिलों को लेकर चेतावनी जारी की है. मौसम विज्ञानियों ने कहा कि पश्चिम बंगाल के हिली डिस्ट्रिक्‍ट्स दार्जीलिंग और कलिमपोंग में मूसलाधार बारिश के चलते लैंडस्‍लाइड या भूस्‍खलन भी हो सकता है. ऐसे में स्‍थानीय लोगों और टूरिस्‍ट्स को लेकर खास चेतावनी जारी की गई है, ताकि व्‍यापक नुकसान से बचा जा सके. IMD ने स्‍थानीय लोगों के साथ ही प्रशासन को भी अलर्ट रहने की सलाह दी है.
50 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
बंगाल की खाड़ी में हलचल बढ़ने के कारण हवा की रफ्तार सामान्‍य से तेज रहने के आसार हैं. IMD के पूर्वानुमान की मानें तो उत्‍तरी बंगाल की खाड़ी में 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं. इससे पश्चिमी बंगाल और बांग्‍लादेश का तटीय इलाका खासतौर से प्रभावित हो सकता है. मौसमी दशाओं को देखते हुए मछुआरों को शनिवार तक समुद्र में न जाने की सलाह दी है.