दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में 5 अक्टूबर का बहुत महत्व है. इस दिन वर्ल्ड टीचर्स डे यानी विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इसके लिए यूनेस्को एक थीम तय करता है और फिर इन 100 से ज्यादा देशों में उसी के हिसाब से विश्व शिक्षक दिवस सेलिब्रेट किया जाता है. इसकी शुरुआत शिक्षकों को सम्मानित करने के उद्देश्य से हुई थी. इसके जरिए एक दिन खास तौर पर शिक्षकों को डेडिकेट किया जाता है.
भारत में 5 सितंबर को भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है. वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान व कई अन्य देशों में आज यानी 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है (Teacher’s Day in Pakistan). हालांकि 5 अक्टूबर ही तारीख तय करने के पीछे कोई ठोस वजह नहीं बताई गई है. पहली बार वर्ल्ड टीचर्स डे 5 अक्टूबर 1994 को यानी ठीक 30 साल पहले मनाया गया था. उसके बाद से हर साल 5 अक्टूबर को ही विश्व शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है.
UNESCO Event of the Day: यूनेस्को ने दी विश्व शिक्षक दिवस को मान्यता
विश्व शिक्षक दिवस को मान्यता यूनेस्को ने दी थी. साल 1966 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की सिफारिश पर यूनेस्को ने शिक्षकों की चिंतित स्थिति पर हस्ताक्षर किए थे. लेकिन उस समय कुछ खास किया नहीं जा सका था. फिर 28 सालों बाद, 1994 में ‘शिक्षकों की स्थिति के बारे में चिंता’ को स्थापित किया जा सका. यह चिंता शिक्षकों के अधिकारों, उनकी ट्रेनिंग, रोजगार यानी नौकरी और काम करने की स्थिति से जुड़े मानक निर्धारित करती है.
वर्ल्ड टीचर्स डे को सेलिब्रेट करने के लिए हर साल एक खास थीम बनाई जाती है. इस साल की थीम ‘शिक्षकों की आवाज को महत्व देना: शिक्षा के लिए नए सामाजिक अनुबंध की ओर’ तय की गई है. हर साल किसी ऐसी थीम पर काम किया जाता है, जो शिक्षकों की मौजूदा चुनौतियों या प्रोग्रेस को उजागर कर सके. पिछले कुछ सालों में इसकी थीम समावेशी शिक्षा, शिक्षकों के अधिकार, डिजिटल एजुकेशन और कोविड 19 महामारी के दौरान शिक्षक की चुनौतियों पर आधारित थी.