गाजा और लेबनान में तनाव बढ़ने के साथ ही इज़रायल अपने रुख पर कायम रहते हुए ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले का सख्त जवाब देने पर अडिग है. एक्सपर्ट्स ने पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष को ‘युद्ध का सबसे खतरनाक सप्ताह’ करार दिया है, जिसमें शायद दुनिया के सामने ऐसा मंजर होगा जहां तेहरान के परमाणु स्थलों को तेल अवीव निशाना बना सकता है. यह भी कहा जा रहा है कि इजरायल ने ईरान
ईरानी और उसके प्रॉक्सी समूहों की तरफ से पैदा किए गए खतरों के जवाब में इज़रायली सरकार ने संकल्प लिया है कि वो दुश्मनों को करारा जवाब देने के लिए तैयार है. तेहरान ने बीते एक अक्टूबर को लगभग 200 मिसाइलें दागीं और इज़रायल के दर्जनों स्थानों को नुकसान पहुंचाया. बढ़ते तनाव के बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका एक नपातुला जवाब देने की पैरवी कर रहा है और इज़रायल से संयम बरतने की अपील कर रहा है, भले ही स्थिति और गंभीर हो रही हो.
‘जैसे को तैसा जवाब क्या होगी?’
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की ‘हिसाब से जवाब देने’ की अपील को खारिज करते हुए, पूर्व इज़रायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने कहा कि इज़रायल को “ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हमला करना चाहिए और उसके अहम आर्थिक हितों को पंगु बना देना चाहिए. हालांकि, यह सब केवल एक हिस्सा होगा, उस जंग का जिसकी शुरुआत ईरान ने इज़राइल के साथ की है.”
उन्होंने कहा, “अगर हम अभी परमाणु कार्यक्रम नहीं हटाते हैं, तो मुझे नहीं पता कि हम ऐसा कभी कर पाएंगे. मुल्ला शासन ने SQ10 हासिल कर लिया है, जिसका मतलब है कि उनके पास 10 (!!) परमाणु बम बनाने के लिए काफी हाई ग्रेड यूरेनियम है. शासन खुद डेटोनेटर डिवाइस बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जबकि दुनिया अब वास्तव में इस पर नज़र नहीं रख सकती है. दूसरे शब्दों में, हम ईरान के रेगिस्तान में एक टेस्ट बम विस्फोट से जाग सकते हैं. उस पल में मिडिल-ईस्ट एक परमाणु बुरा सपना बन जाएगा.”
‘मिसाइलें हजारों लोगों की जान ले सकती थीं’
एक लंबी पोस्ट में, पूर्व पीएम ने इस बात पर अफसोस जताया कि कैसे ईरान ने तेल अवीव जैसे सिटी सेंटर सहित इज़रायल पर सीधे बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं. उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे, अप्रैल में, ईरान ने इज़रायल की ओर लगभग 350 प्रोजेक्टाइल फेंके थे. उन्होंने कहा, “अगर इजरायल की जबरदस्त तकनीक नहीं होती, तो ये मिसाइलें हजारों निर्दोष लोगों की जान ले सकती थीं.”
उन्होंने कहा, “इजरायल के लिए हजारों निर्दोष ईरानियों की हत्या, बलात्कार और जलाना? हम ऐसा नहीं करते. क्या इजरायल ईरानी शहरों पर अंधाधुंध 10,000 रॉकेट दागेगा? हम ऐसा भी नहीं करते. इसलिए, ईरान के शासन ने हमारे साथ जो किया उससे इज़राइल बहुत कम कर सकता है.”
एक इजरायली समाचार आउटलेट के लिए लिखते हुए, अमेरिकी-इजरायली लेखक जोएल सी. रोसेनबर्ग ने इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं और प्रशंसा की कि कैसे इजरायल ने हाल के हफ्तों में शेख हसन नसरल्लाह सहित 18 शीर्ष वरिष्ठ कमांडरों की हत्या कर दी है, जिन्होंने 32 वर्षों तक हिजबुल्लाह का नेतृत्व किया था. रोसेनबर्ग ने तर्क दिया कि लेबनान में इज़रायल का जवाब “शानदार, क्रिएटिव, चालाकी और चमत्कारी” रही है, लेकिन काफी नहीं है. उनका मानना है कि “यह समय हमले को कम करने का नहीं, बल्कि काम ख़त्म करने का है.”