मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के होश अब ठिकाने आ गए हैं. भारत के खिलाफ मुहिम चलाकर अपने ही देश की हालत खस्ता कर चुके मुइज्जू अब मदद की गुहार लेकर रविवार दिल्ली पहुंचे. आज यानी सोमवार को वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने वाले हैं. इस दौरान वह पीएम मोदी की आर्थिक मदद और कर्ज अदायगी में ढील देने की गुजारिश करने वाले हैं.
मुइज्जू ने भारत आने से पहले बीबीसी को दिए इंटरव्यू में उम्मीद जताई कि भारत ‘मालदीव का बोझ कम करने’ में मदद करेगा. मुइज्जू ने कहा, ‘भारत हमारी आर्थिक स्थिति से पूरी तरह वाकिफ है. हमें उम्मीद है कि वह हमारे सबसे बड़े भागीदारों में से एक होने के नाते हमारे बोझ को कम करने, हमारे सामने आने वाली चुनौतियों के लिए बेहतर विकल्प और समाधान खोजने के लिए हमेशा तैयार रहेगा.’
चीन की दोस्ती और भारत को दुहाई
कभी चीन के कंधे पर सवार होकर भारत को आंख दिखाने वाले मुइज्जू अब दुहाई रहे हैं कि मालदीव कभी भी ऐसा कुछ नहीं करेगा जिससे भारत की सुरक्षा को नुकसान पहुंचे. टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में मुइज्जू ने कहा कि भारत मालदीव का एक बेशकीमती साझेदार और दोस्त है और यह संबंध आपसी सम्मान और साझा हितों पर आधारित है. उन्होंने यह भी कहा कि मालदीव भारत के साथ मजबूत और रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेगा.
भारत से दुश्मनी में टूटी कमर
मुइज्जू की यह यात्रा मालदीव में गहराते वित्तीय संकट के बीच हो रही है. मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार 44 करोड़ डॉलर तक गिर गया है और उस पर लोन डिफॉल्ट का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल पर्यटन को मालदीव की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है. लेकिन पिछले कुछ महीनों के दौरान मुइज्जू सरकार के भारत विरोधी रुख की वजह से मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 41 प्रतिशत तक की बड़ी गिरावट देखी गई है. यही वजह है कि राष्ट्रपति मुइज्ज के इस दौरे का एक मकसद भारत से मालदीव में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के अलावा भारत के साथ संबंधों को बेहतर भी करना है.
अपने इन चार दिनों के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू भारतीय पर्यटकों की संख्या को बढ़ाने के लिए ही दिल्ली के अलावा मुंबई और बैंगलोर में भी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, ताकि मालदीव को लेकर एक संदेश जाए और भारतीय पर्यटक एक बार फिर मालदीव की तरफ रुख करें. अब देखना होगा कि मुइज्जू अपने इस भारत दौरे के दौरान मालदीव की मुसीबतों को कितना हल निकाल पाते हैं.