केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी व्यावसायिक पाठ्यक्रम योजना प्रशासन की उदासीनता के चलते गर्त में जाती दिख रही है। इस सत्र से जिले में 45 सहित पूरे प्रदेश के 652 स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किया गया, लेकिन पढ़ाने के लिए प्रशिक्षक ही नहीं है। नियमानुसार यहां व्यावसायिक प्रशिक्षकों की नियुक्ति के लिए राज्य के नोडल एजेंसी समग्र शिक्षा को रुचि की अभिव्यक्ति के लिए आमंत्रण (ईओआई) किया जाना था।
50 प्रतिशत स्कूलों में कोर्स अनिवार्य
CG Education News: राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार 2025 तक 50 प्रतिशत स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम लागू किया जाना है। इसी के मद्देनजर प्रदेश में इस वर्ष 652 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा लागू करने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी दी है। इसके पीछे शासन का उद्देश्य है कि बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ हुनर की शिक्षा भी स्कूल में मिले। ताकि पढ़ाई खत्म करने के बाद उसे रोजगार मिल सके।, लेकिन स्कूलों में कोर्स लागू होने के बाद पढ़ाने वाले प्रशिक्षक नहीं होने के कारण अब इन्हें व्यावसायिक पाठ्यक्रम कि शिक्षा नहीं मिल पा रही है।
CG Education News: 10 ट्रेड से हुई थी शुरुआत
प्रदेश में सत्र 2014-15 से सरकारी स्कूलों में 1184 व्यावसायिक प्रशिक्षकों के माध्यम से 10 ट्रेड में पढ़ाई हो रही है। इनमें एग्रीकल्चर, ऑटोमोबाइल, ब्यूटी एंड वेलनेस, बैंकिग फाइनेंस, इलेक्ट्रानिक्स एंड हार्डवेयर, हेल्थकेयर, आइटी, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, रिटेल, टेलीकॉम में पढ़ाई हो रही है। इसके लिए राज्य शासन ने आठ प्रशिक्षण संस्थानों से अनुबंध कर रखा है।
शासन टेंडर से करेगी शिक्षकों की भर्ती
जिले के 22 स्कूलों में पहले से ही व्यवसायिक कोर्स संचालित है। जहां प्रशिक्षक की नियुक्ति शासन ने टेंडर प्रक्रिया से कर रही है। वहीं अब 45 नए स्कूलों में कोर्स शुरू कराया गया है। यहां भी जल्द ही शासन स्तर पर व्यावसायिक शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी।