बेंगलुरु. पुलिस ने कोर्ट में याचिका दाखिल करके नोट जलने की मांग की. पुलिस ने भरे कोर्ट में यह दलील दी कि उन्हें अब इन नोटों की जरूरत नहीं है इसलिए इन्हें जलाने की मंजूरी दी जाए. पुलिस की यह दलील सुनकर शुरू में कोर्टरूम में जज से लेकर वकीलों का माथा ठनका. फिर जैसे-जैसे पुलिस दी आगे दलील दी कि यह पूरा माजरा क्या है? यह मामला बेंगलुरु का बताया जा रहा है, जहां पर पुलिस ने शहर में नोटबंदी से पहले एक मामले में 500 और 1000 के पुराने नोट जब्त किए थे.
पुलिस का कहना है कि वह इन पुराने नोटों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सौंपा और उन्हें बदलने की कोशिश की. हालांकि, आरबीआई ने इन पुराने नोटों को स्वीकार करने से मना कर दिया है. पुलिस के पास 1,000 और 500 रुपये के पुराने नोट अब बेकार हो गए हैं. ये नोट अब सिर्फ कागज के टुकड़े हैं. अलग-अलग मामलों में ये पुराने नोट मिले थे. नोटबंदी के बाद इनकी कीमत खत्म हो गई. नोटबंदी के बाद पुराने नोट बदलने के लिए समय दिया गया था, जो अब खत्म हो चुका है. इसलिए आरबीआई ने कहा कि ये पुराने नोट स्वीकार नहीं किए जा सकते.
पुराने नोटों का क्या होगा?
अब पुलिस के पास एक तरफ पुराने नोटों को बैंक में जमा करने का विकल्प नहीं है. दूसरी तरफ आरबीआई भी इन्हें स्वीकार नहीं कर रहा है. इसलिए पुलिस ने पुराने नोटों को जलाने का फैसला किया है और इसके लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है. अगर कोर्ट इजाजत दे तो पुलिस इन पुराने नोटों को नष्ट कर देगी.
क्या है पूरा मामला?
बेंगलुरु में टेलीग्राम ऐप पर पार्टटाइम नौकरी का झांसा देकर एक युवक से 2.58 लाख रुपये ठगे गए थे. परप्पा के अग्रहारा पुलिस स्टेशन में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई गई थी. यह मामला नई सड़क निवासी ए.बी चरण कुमार ने दर्ज कराया था. उसका आरोप था कि एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे टेलीग्राम ऐप के जरिए नौकरी का मैसेज किया. इस मामले में दिलचस्पी दिखाने वाले चरणकुमार ने शुरुआत में जालसाजों को कुछ पैसे दिए थे. बाद में उसने मुनाफे के साथ और पैसे लौटा दिए. पुलिस ने बताया कि जालसाजों ने उन्हें लालच दिया कि अगर वे ज्यादा पैसा लगाएंगे तो उन्हें ज्यादा फायदा होगा
कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है और उसने शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और धोखाधड़ी के आरोप के तहत मामला दर्ज किया. इस मामले में ही पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के बाद यह पैसे बरामद किए थे.