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शेयर बाजार पर क्यों लगा ‘गिरावट का ग्रहण’, 1600000 करोड़ के नुकसान की सिर्फ एक वजह, ये बात कोई नहीं जानता

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में डर, कच्चे तेल में तेजी से महंगाई बढ़ने का डर और चीन फैक्टर से नुकसान. पहली दो वजह के बारे में सब जानते हैं लेकिन ये चीन फैक्टर क्या है जिसका असर भारतीय बाजारों पर पड़ रहा है.

दरअसल चीन की अर्थव्यवस्था कोरोना काल के बाद से बुरी तरह चरमराई हुई थी इसलिए अपनी इकोनॉमी में नई जान फूंकने के लिए चीन की सरकार ने कुछ अहम ऐलान किए हैं, जिससे विदेशी निवेशक अब भारत को छोड़कर चीन की ओर रुख करने लगे हैं. आइये आपको बताते हैं आखिर चीन ने ऐसा क्या किया कि भारत के बाजारों पर गिरावट का ग्रहण लग गया.

चीन के बड़े ऐलान, भारतीय बाजार परेशान

चीन की सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए सबसे बड़े प्रोत्साहन पैकेज (Stimulus Package) का ऐलान किया और इसका असर पूरी इकॉनमी पर देखने को मिल रहा है. दरअसल चीन ने ब्याज दरों में कटौती, बैंकों के रिजर्व में कमी, और घर खरीदने के नियमों को आसान बनाने के लिए अहम ऐलान किए. इन घोषणाओं से बाजार में निवेशकों का विश्वास बढ़ा और चीन के शेयर बाजारों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. 30 सितंबर को चीन के इडेंक्स में 8.5 प्रतिशत की तेजी आई, जो 2008 के बाद से सबसे बड़ी तेजी थी.

भारत छोड़, FII चले चीन!

चूंकि, चीन के बाजार पिछले 3-4 सालों से कमजोर प्रदर्शन कर रहे थे इसलिए वहां वैल्युएशन काफी सस्ते हो गए थे. अब बड़े आर्थिक ऐलान के बाद चीन में बड़ी तेजी की उम्मीद की जा रही है ऐसे में विदेशी निवेशक सस्ते वैल्युएशन का फायदा उठाने के लिए बीजिंग में निवेश बढ़ा रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने भारतीय बाजारों में 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है. बीते सप्ताह सेंसेक्स के 4,000 अंक से ज्यादा टूटने पर निवेशकों को 16 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.

ब्रोकरेज भी चीनी बाजार पर लट्टू

ब्रोकरेज फर्म CLSA ने चीन के अहम आर्थिक फैसलों को सराहा है और भारतीय बाजारों पर अपना ओवरवेट कम करके चीनी शेयर मार्केट में ओवरवेट बढ़ाया है. सीएलएसए ने कहा कि वह भारत के ओवरवेट को 20% से घटाकर 10% करके चीन को 5% ओवरवेट तक कर रहा है.

सीएलएसए के एनालिस्ट ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि भारत ने चीन से 210% बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन अब भारतीय बाजारों में वैल्युएशन महंगे हो गए हैं. हालांकि, हम रणनीतिक रूप से अब भी भारत पर बुलिश हैं. CLSA ने भारतीय बाजारों की सामने 3 बड़ी परेशानी, तेल की कीमत, नए पब्लिक इश्यू (आईपीओ बूम), और खुदरा निवेशकों खरीदारी है.