नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट पर फैसला लेने वाली आरबीआई की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी की हाल में बैठक हुई थी. इसमें नौवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया. रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई देश के बैंकों को लोन देता है. आरबीआई ने तो रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन पब्लिक सेक्टर के केनरा बैंक ने चुपचाप लोन महंगा कर दिया.
केनरा बैंक ने मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में 5 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. ये नई दरें 12 अक्टूबर, 2024 से लागू होगी. आपको बता दें कि एमसीएलआर बढ़ने से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें बढ़ जाएगी. केनरा बैंक ने कहा है कि बेंचमार्क एक साल की अवधि की एमसीएलआर को 9 फीसदी से बढ़ाकर 9.05 फीसदी किया गया है. इसके अलावा एक महीने, 3 महीने और 6 महीने की अवधि के लिए एमसीएलआर 8.40-8.85 फीसदी के दायरे में होगी. एक दिन के कर्ज के लिए एमसीएलआर को 8.25 फीसदी से बढ़ाकर 8.30 फीसदी किया गया है.
कैसे तय होता है MCLR
एमसीएलआर तय करते समय कई कारकों को ध्यान में रखा जाता है जिसमें डिपॉजिट रेट, रेपो रेट, ऑपरेशनल कॉस्ट और कैश रिजर्स रेशो को बनाए रखने की कॉस्ट शामिल है. आमतौर पर रेपो रेट में बदलाव का असर एमसीएलआर रेट पर पड़ता है. एमसीएलआर में बदलाव से लोन की ब्याज दर पर असर पड़ता है, जिससे कर्ज लेने वालों की ईएमआई बढ़ जाती है.
लोन की ईएमआई बढ़ेगी
एमसीएलआर में बढ़ोतरी का असर होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन समेत इससे जुड़े सभी तरह के लोन की ब्याज दर पर देखने को मिलेगा. पुराने ग्राहकों को पहले से ज्यादा EMI चुकनी होगी. नया लोन लेने वाले ग्राहकों को महंगा लोन मिलेगा.