सिल्क सिटी के नाम से मशहूर सूरत का कपड़ा उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है. दिवाली तक सूरत कपड़ा उद्योग को 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार होने की उम्मीद है. हर दिन करीब 100 से 400 करोड़ रुपए का कारोबार देखा जा रहा है. इसलिए इस साल कपड़ा उद्योग में काफी तेजी का माहौल छाया है. सूरत का कपड़ा उद्योग लंबे समय से मंदी के दौर से गुजरा है, लेकिन इस साल की दिवाली सूरत के कपड़ा उद्योग के लिए फायदेमंद साबित होती दिख रही है.
जिस तरह से 2019 के बाद सूरत के कपड़ा उद्योग में तेजी आई है उसके बाद व्यापारियों के पास इस समय मांग की पूर्ति करने के लिए कपड़ा नहीं है. ये बातें गुजरात के कपड़ा व्यापारी संगठन फोस्टा के प्रेसिडेंट कैलाश हाकिम ने कही. उन्होंने बताया कि प्रोसेसिंग हाउस में रंगाई और छपाई के लिए उपलब्ध कराया गया कपड़ा दिवाली के बाद उपलब्ध होगा और कपड़ा बाजार में व्यापारियों के पास तैयार स्टॉक खत्म हो चुका है.
10,000 करोड़ का बिजनेस
हाकिम ने बताया कि दिवाली तक सूरत कपड़ा उद्योग को 10,000 करोड़ रुपये का कारोबार करने की उम्मीद है क्योंकि सूरत से हर दिन 300 ट्रक पार्सल देश के विभिन्न कोनों में ले जाया जा रहा है. बाजार में कपड़े के पार्सल के ढेर लगे हैं. कपड़ा व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पार्सल ले जाने के लिए व्यापारियों द्वारा 22 ट्रेनें बुक की गई हैं.
हाकिम ने कहा है कि मांग बढ़ने से यह पता चल रहा है कि लोगों की खरीदारी क्षमता भी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि कई सालों बाद ऐसी मांग देखने को मिल रही है. बकौल हाकिम, पिछले 5 साल में पहली बार ऐसा माहौल देखा जा रहा है जब हर जगह मांग है और हर दुकान पर ग्राहक दिख रहे हैं.