चीन से भारत का सीमा विवाद कई सालों से चला आ रहा है. लेकिन, पिछले कुछ वर्षों में तनातनी काफी बढ़ी है, खासकर जून 2020 में गलवान घाटी में हुए हमले के बाद रिश्तों में और कड़वाहट आई है. हालांकि, इस सीमा विवाद का असर दोनों देशों के व्यापारिक गतिविधियों पर देखने को नहीं मिल रहा है. चीन, इस साल अप्रैल-सितंबर के दौरान भारत के टॉप आयात स्रोत के रूप में उभरा है. इस अवधि में कुल 56.29 अरब डॉलर मूल्य का आयात चीन से हुआ है यानी सामान चीन से भारत आया है.
वहीं, इसी अवधि में अमेरिका देश के लिए टॉप एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. अमेरिका को सामान का किया जाने वाला निर्यात 5.62 प्रतिशत बढ़कर 40.38 अरब डॉलर हो गया. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान चीन से आयात 11.5 प्रतिशत बढ़ा है. बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में आयात 50.48 अरब डॉलर रहा था.
इन देशों से भी खूब भारत आया माल
आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में भारत में होने वाले आयात के शीर्ष 10 स्रोत चीन, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, इराक, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर रहे. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान रूस से आयात बढ़कर 32.18 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 30.43 अरब डॉलर था.
इन देशों के साथ बढ़ा निर्यात
इसी तरह, यूएई से होने वाला आयात इस अवधि में बढ़कर 31.46 अरब डॉलर हो गया. पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 20.70 अरब डॉलर था. इस अवधि के दौरान, देश के शीर्ष 10 निर्यात गंतव्य अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, ब्रिटेन, चीन, सिंगापुर, सऊदी अरब, बांग्लादेश, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका रहे.
यूएई को निर्यात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान बढ़कर 17.24 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 15.47 अरब डॉलर था. इसी तरह, चीन को निर्यात आलोच्य अवधि में बढ़कर 6.91 अरब डॉलर रहा जो एक साल पहले 2023-24 में अप्रैल-सितंबर के दौरान 7.63 अरब डॉलर था.
अमेरिका 2023-24 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था, उसके बाद चीन का स्थान था. चीन 2013-14 से 2017-18 और 2020-21 में भारत का शीर्ष व्यापारिक भागीदार था. चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात देश का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था.