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हर तरफ से गिरती मिसाइलें, इन हमलों से कैसे अपने नागरिकों को बचाता है इजरायल?

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इजरायल एक ऐसा मुल्क जो एक साथ कई मोर्चों पर अपने दुश्मनों से लड़ रहा है. ये लड़ाई वो कुछ महीने से नहीं बल्कि दशकों से लड़ रहा है. हर रोज इजरायल के दुश्मन देश नए- नए तरीकों से हमले करते हैं. लेकिन समय के साथ इजरायल ने इन हमलों को नाकाम करने और उनसे बचने की तकनीकी ईजाद कर ली है. यही वजह है कि देश के दक्षिणी छोर पर एक तरफ गाजा से तो दूसरी तरफ उत्तरी छोर पर लेबनान से हमले होते रहते है. गाजा से हमास और लेबनान से हिजबुल्लाह के लड़ाके इजरायल के सीमावर्ती इलाकों पर लगातार मिसाइल, रॉकेट या ड्रोन हमले करते रहते हैं. ईरान के बैलेस्टिक मिसाइल हमले भी दो बार हो चुके हैं. लेकिन इन हमलों में इजरायल को जानमाल का बेहद कम नुकसान होता है.

न्यूज18 इंडिया संवाददाता ने इजरायल में वार कवर करने के दौरान इसकी पूरी तफ्तीश की. आइए आपको बताते हैं कि इजरायल कैसे बचता है इन हमलों से? सबसे पहले तो इजरायल सीमा पर कड़ी निगरानी करता है. इसलिए उसको इन हमलों की अग्रिम जानकारी मिल जाती है. जानकारी मिलते ही पूरा सिस्टम सक्रिय हो जाता है. दूरबीन, गुब्बारों में लगे कैमरों और ड्रोन से हमास और हिजबुल्लाह की गतिविधि की पहले ही जानकारी मिल जाती है. उसके बाद जैसे ही कोई प्रोजेक्टाइल इजरायल की सीमा में प्रवेश करता है, आयरन डोम के रडार इसको इंटरसेप्ट कर लेते हैं. इजरायल का ये ऑटोमेटिक सिस्टम ये पता लगाता है कि आने वाले रॉकेट/मिसाइल कहां गिरने वाले हैं. उसके तुरंत बाद उस इलाके में सायरन बजने लगता है. इससे लोगों को सुरक्षित जगह पर जाने का निर्देश मिल जाता है और लोग वहां भागने लगते हैं. अगर इनका निशाना कोई आवासीय या व्यापारिक इलाका है तो उसे इंटरसेप्ट करने के बाद मिसाइल दाग कर आसमान में ही नष्ट कर देते हैं. अगर निशाना किसी खाली जगह पर है तो इसे गिर जाने देते हैं क्योंकि इस एक ऑब्जेक्ट को नष्ट करने में 50 हजार अमेरिकी डॉलर का एक मिसाइल नष्ट हो जाता है. बड़ी मिसाइलों/ड्रोन को नष्ट करने के लिए डेविड स्लिंग सिस्टम है.

शेल्टर होम इजरायली डिफेंस की रीढ़
लेकिन अगर कोई मिसाइल या रॉकेट इन सुरक्षा व्यवस्था को भेदकर रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ जाते है और फट जाते हैं तो भी अलगभग अक्सर लोगों की जान नहीं जाती. उसकी वजह है सायरन के बजने के बाद ही लोग बंकर, शेल्टर या कम्युनिटी शेल्टर में छुप जाते हैं. आजकल इजरायल के घरों में अंदर ही एक कमरे को बंकर बना दिया जाता है. कंक्रीट की डेढ़ फीट चौड़ी दीवारों और लोहे से बनी ये दीवारें इन हमलों से परिवार को बचाने में कामयाब हो जाती हैं. जिनके पास अपना खुद का बंकर बनवाने का पैसा नहीं है वो सरकार द्वारा आबादी को बीचोबीच बने शेल्टर में छुप जाते हैं जिसे कम्युनिटी शेल्टर कहते हैं. इसके अलावा अगर आप सड़क पर टहल रहे हैं, कार चला रहे हैं या साइकिल, अगर उस वक्त सायरन बजे तो आप कहां जाएंगे? इसीलिए सरकार ने सड़क के किनारे थोड़ी थोड़ी दूरी पर शेल्टर बना रखे हैं. लोग सब कुछ जहां हैं वहीं छोड़कर इन शेल्टर में चले जाते हैं.

इजरायल का फुलप्रूफ सिस्टम
मतलब इजरायल ने इतनी फुलप्रूफ व्यवस्था बनाई है कि जान का नुकसान बेहद कम होता है. इजरायल पर एक साथ हजारों रॉकेट फायर हुए ,रोज सैकड़ों होते हैं लेकिन चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की वजह से नुकसान बेहद कम होता है. हालांकि कई बार सिस्टम फेल हो जाता है, जैसे हाल ही में बिन्यामिना मिलिट्री बेस पर हुए ड्रोन अटैक में 4 सैनिकों की जान चली गई. हिजबुल्लाह के ड्रोन काफी नीचे उड़ते हैं इसलिए इनको इंटरसेप्ट करना थोड़ा मुश्किल होता है. वैसे जो दो ड्रोन हाल ही में हिजबुल्लाह ने भेजे थे, उनमें से एक को IDF ने मार गिराया था लेकिन दूसरा अटैक करने में कामयाब रहा था.