ट्रेनों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है. रेलवे के नियमों के अनुसार, यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन में पटाखे और फुलझड़ियां जैसी ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाने पर सख्त पाबंदी है. इन नियमों के अनुसार, यात्री किसी भी तरह के पटाखों को ट्रेन में नहीं ले जा सकते. यदि कोई यात्री प्रतिबंधित वस्तुएं लेकर सफर करता पाया गया, तो उसे रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। इसके तहत 1,000 रुपये का जुर्माना या तीन साल तक की सजा, या दोनों हो सकते हैं.
इसलिए अगर जहां आप रह रहे हैं, वहां पटाखे फुलझडियां सस्ती मिलती हैं और आपका इरादा भी इन्हें दिवाली के लिए घर ले जाने का है तो अपनी योजना को त्याग दें. अगर ट्रेन में आप प्रतिबंधित वस्तु के साथ पकड़े जाते हैं तो आप भारी मुसीबत में पड़ सकते हैं. हर बार भारतीय रेलवे भी यात्रियों से बार-बार पटाखे लेकर यात्रा न करने की अपील करता है.
हो सकती है 3 साल की सजा
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, अगर यात्री प्रतिबंधित वस्तुओं में कोई भी वस्तु यात्रा के दौरान साथ लेकर चलता है तो उस पर रेलवे एक्ट की धारा 164 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. इस धारा के तहत यात्री पर 1000 रुपये का जुर्माना या तीन साल की सजा या दोनों की सजा सुनाई जा सकती है. क्योंकि, पटाखे प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में आते हैं, इसलिए इनके भी ट्रेन में पकड़े जाने पर आप सजा के हकदार होंगे.
रेलवे ने बहुत सी ऐसी चीजों को ट्रेन में ले जाना प्रतिबंधित कर रखा है जिनसे रेल यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. ये ऐसी वस्तुएं हैं, जिनसे ट्रेन में आग लगने, ट्रेन के गंदा होने, यात्रियों को असुविधा होने और ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा रहता है.
ये वस्तुएं हैं प्रतिबंधित
रेल यात्रा के दौरान स्टोव, गैस सिलेंडर, किसी तरह का ज्वलनशील कैमिकल, पटाखे, तेजाब, बदबुदार वस्तुएं, चमड़ा या गीली खाल, पैकेजों में लाए जाने तेल, ग्रीस, ऐसी वस्तुएं जिनके टूटने या टपकने से वस्तुओं या यात्रियों को क्षति पहुंच सकती है, साथ ले जाने की मनाही है. रेलवे के नियमों के अनुसार 20 किलोग्राम तक घी यात्री रेल में ले जा सकते हैं, लेकिन घी टीन के डिब्बे में अच्छी तरह से पैक होना चाहिए.