आपने सड़क पर पेट्रोल और डीजल से भरे टैंकर पलटने पर उसे स्थानीय लोगों की ओर से उसे मुफ्त का माल मानकर बर्तनों में भरने की घटनाएं सुनी होगी. लेकिन राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर में रविवार रात एक ट्रेन के इंजन का डीजल टैंक और पाइप फट गए. इससे उसमें से डीजल गिरने लग गया. यह देखकर वहां लोग बाल्टी और अन्य बर्तन लेकर आ गए. वहां देर रात तक इंजन से गिर रहे डीजल को बटोरने की होड़ लगी रही.
जानकारी के अनुसार सीकर से चूरू जा रही पैसेंजर डेमू ट्रेन का फतेहपुर कस्बे में डीजल टैंक और पाइप फट गया था. इसकी वजह से ट्रेन ट्रैक पर ही रुक गई. वहां काफी मात्रा में डीजल ट्रैक पर गिरने लगा. रेल कर्मचारियों के पास डीजल टैंक का रिसाव रोकने का कोई उपकरण नहीं था. आसपास के लोगों को जब इसका पता चला तो वे बाल्टियां और अन्य बर्तन लेकर वहां पर पहुंच गए. लोगों में डीजल भरने की होड़ लग गई.
लोग डीजल को अपने वाहनों में भरकर ले गए
ट्रेन काफी लेट होने से यात्री हुए परेशान
कई लोग वहीं से बाल्टियों से डीजल अपनी गाड़ी में डालकर भी ले गए. बाद में रेल प्रबंधन को इसकी सूचना दी गई. इस पर रेलवे का दूसरा तकनीकी स्टाफ वहां पहुंचा. लेकिन टैंक और पाइप से डीजल का रिसाव नहीं रुका. इसके कारण ट्रेन काफी लेट हो गई. उसमें सवार यात्री परेशान होने लग गए. हालात देखकर कुछ यात्री दूसरे वाहनों से वहां से चले गए.
देर रात तक लोग रेलवे ट्रैक पर जमे रहे
वहीं डीजल लेने के लिए देर रात तक लोग रेलवे ट्रैक पर जमे रहे जमीन पर गिर रहे डीजल को बर्तनों में भरने में लगे रहे. देर रात तक रेल कर्मचारी टैंक को दुरुस्त करने में जुटे थे. रेलवे कर्मचारियों ने लोगों को रोकने की कोशिश भी की लेकिन वे नाकाम रहे. बाद में काफी देर बात ट्रेन को वहां से रवाना किया जा सका.