उदयपुर के मावली थाना इलाके में आठ साल की मासूम बच्ची से रेप के बाद की गई उसकी हत्या के मामले में आगामी 4 नवंबर को कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है. कोर्ट में आरोपियों पर दोष साबित हो गया है. कोर्ट ने सजा के बिन्दु तय कर लिए हैं. अब उन पर अंतिम बहस के लिए 4 नंवबर की तारीख मुकर्रर की है. उसी दिन आरोपियों को सजा का ऐलान हो सकता है. दिल को दहला देने वाले हैवानियत भरे इस कांड में कोर्ट ने साक्ष्य मिटाने के लिए आरोपी कमलेश के माता पिता को भी दोषी करार दिया है.
उदयपुर के मावली कस्बे के समीप हैवानियत भरी यह वारदात 29 मार्च 2023 को सामने आई थी. वहां आरोपी कमलेश ने आठ साल की मासूम बच्ची से रेप के के बाद उसका मुंह दबा दिया था. इससे उसकी सांसें थम गई थी. आरोपी कमलेश ने हैवानियत की हदें पार करते हुए मृतका के शव के दस टुकड़े कर उनको थैली में भर दिया था. फिर अपने माता पिता के सहयोग से मावली के पास स्थित एक खंडहर में शव के टुकड़ों को फेंक दिया.
आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया था
वारदात के करीब चार दिन बाद बच्ची के शव के टुकडे ग्रामीणों को मिले थे. मामला सामने आते ही मावली में बवाल मच गया. मासूम बच्ची की क्रूरतापूर्वक की गई इस हत्या से इलाके के लोग आक्रोशित हो गए थे. ऐसे में पुलिस ने भी गंभीरता बरतते हुए तत्परता से अपनी जांच आगे बढ़ाई. पुलिस जब इस केस की जांच कर रही थी तब आरोपी कमलेश उसे गुमराह करने के लिए पुलिसकर्मियों के साथ ही घूमता रहा.
पुलिस को यूं हुआ आरोपी कमलेश पर शक
पुलिस ने जब डॉग स्क्वायड की मदद ली तो डॉग हमेशा कमलेश के घर पहुंच जाता. ऐसे में पुलिस का कमलेश पर शक गहरा गया. पुलिस ने को कमलेश को हिरासत में लेकर उससे कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया. इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अपनी जांच आगे बढ़ाई. फिर पुलिस ने तेजी से केस की जांच पड़ताल पूरी कर आरोपी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर दिया.
पुलिस ने कोर्ट में 303 पेज की चार्जशीट पेश की थी
मावली पुलिस ने इस केस में कोर्ट में 303 पेज की चार्जशीट पेश की थी. फिर कोर्ट में ट्रायल चला. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने पुलिस की ओर से लगाई गई धाराओं के तहत मुख्य आरोपी कमलेश समेत उसके पिता राम सिंह और मां किशन कुंवर को दोषी करार दिया है. कोर्ट में अब अगले माह 4 तारीख को सजा के बिन्दुओं पर बहस होगी.
कोर्ट में 42 गवाहों को पेश किया गया
लोक अभियोजक सैयद हुसैन ने बताया कि अब तक हुई बहस के दौरान कोर्ट में 42 गवाहों को पेश किया गया था. इसके अलावा आरोपियों के खिलाफ 174 दस्तावेज पेश किए गए. इन्हीं गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर पोक्सो कोर्ट क्रम संख्या 2 के पीठासीन अधिकारी ने आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब सजा के बिन्दुओं पर चार नवंबर को सुनवाई होगी. इस मामले में आरोपी पक्ष को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वकील उपलब्ध कराया गया था.