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पांच पर्वो वाली दीपावली का लौकिक के साथ आध्यात्मिक महत्व भी- रामा भाई, दीपावली पर गरीब असहाय के घरों को करें रोशन- रामा भाई…

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राजनांदगांव- योग वेदांत सेवा समिति राजनांदगांव के द्वारा अहमदाबाद से आये संत  आशारामजी बापू के साधक शिष्य  रामा भाई का एक दिवशीय गीता भागवत सत्संग का आयोजन मोहारा स्थित संत आशारामजी आश्रम में सम्पन्न हुआ। जिले भर से आये सैकड़ो लोगो ने हरिनाम का रसपान करते हुए ध्यान की गहराई में डूबकर सत्संग का लाभ उठाया ।

रामा भाई ने अपने सत्संग के माध्यम से लोगो को संदेश दिया कि यह दीवाली केवल हमारी नही है अपितु पूरे मानव जाति का है क्योंकि इस दिन  रामजी अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना किये थे । यही दिवस दीपावली अथवा नूतन वर्ष के रूप में मनाते आ रहे है।

रामा भाई ने आगे प्रवचन में कहा कि यह दीवाली पांच पर्वो की होती है । धनतेरस, नरक चतुदर्शी, दीपावली, नूतन वर्ष एवं भाई दूज और इन सभी दिवस का अपना एक विशेष महत्व है।जाने पांच पर्वो वाली दीपावली का महत्व- रामा भाई धनतेरसः धन्वंतरि महाराज खारे-खारे सागर में से औषधियों के द्वारा शारीरिक स्वास्थ्य-संपदा से समृद्ध हो सके, ऐसी स्मृति देता हुआ जो पर्व है, वही है धनतेरस।

काली चौदसः इस दिन श्रीकृष्ण ने नरकासुर को क्रूर कर्म करने से रोका और यमपुरी पहुँचाया। नरकासुर प्रतीक है – वासनाओं के समूह और अहंकार का। वैसे ही आप भी अपने चित्त में विद्यमान नरकासुररूपी अहंकार और वासनाओं के समूह को श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित कर उनके अधीन हो जायें। ऐसा स्मरण कराता हुआ पर्व है नरक चतुर्दशी।

 

 

दीपावली-आपका चित्त आपको बाँधनेवाला न हो, आपका धन आपकी आयकर भरने की चिंता को न बढ़ाये, आपका चित्त आपको विषय विकारों में न गिरा दे, इसीलिए दीपावली की रात्रि को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है। लक्ष्मी आपके जीवन में महालक्ष्मी होकर आये। वासनाओं के वेग को जो बढ़ाये, वह वित्त है और वासनाओं को श्रीहरि के चरणों में पहुँचाए, वह महालक्ष्मी है।

नूतन वर्षः नववर्ष के प्रभात में अपने माता-पिता, गुरुजनों, सज्जनों, साधु-संतों को प्रणाम करके तथा अपने सदगुरु के श्रीचरणों में जाकर नूतन वर्ष के नये प्रकाश, नये उत्साह और नयी प्रेरणा के लिए आशीर्वाद प्राप्त करें।

भाईदूजः उसके बाद आता है भाईदूज का पर्व। दीपावली के पर्व का पाँचनाँ दिन। भाईदूज भाइयों की बहनों के लिए और बहनों की भाइयों के लिए सदभावना बढ़ाने का दिन है।

श्री योग वेदान्त सेवा समिति के प्रमुख रोहित चंद्राकर, टीके चंद्राकर, दिलीप सिन्हा, लेखराम साहू ने संयुक्त रूप से बताया कि पूज्य बापूजी की प्रेरणा से दीपावली पर्व पर देशभर के 1400 समितियां व 450 आश्रमों द्वारा निरंतर आदिवासी व गरीब असहाय लोगो को मदद कर उनके घर में रोशनी लाने व सभी लोगो की तरह दिवाली पर्व मनाये इस हेतु जीवनोपयोगी सामग्री वितरण की सेवा की जा रही है । इसी कड़ी में आज रामा भाई के सानिध्य में आस पास के झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को आश्रम बुलाकर जीवनोपयोगी सामग्री वितरण किया गया साथ ही दीपावली पर्व की महत्ता बताकर स्वस्थ्य-सुखी व सम्मानित जीवन जीने और भारतीय संस्कृति की गरिमा को बनाए रखने की सीख दी। राजनांदगांव में भी राजनांदगांव के अलावा छुरिया, मोहला, चौकी, डोंगरगढ़, डोंगरगांव, गंडई, खैरागढ़ समिति द्वारा 1200 गरीब व बीहड़ आदिवासी परिवारों में सामग्री वितरण किया गया ।

इस आयोजन में क्षेत्रीय समिति पदाधिकारीगण गोपाल यादव, मार्गे जी, भंडारी जी, उमाशंकर कुंवर, गोस्वामी जी, रामकुमार देवांगन, नम्मू साहू, राजू भाई, नोहर जंघेल, दिलीप भाई, ओपी साहू आदि का सहयोग रहा ।

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