प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज ने गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड कैंपस में C-295 एयरक्राफ्ट प्लांट का उद्घाटन किया. भारत और स्पेन की कंपनी एयरबस के बीच कुल 56 C-295 एयरक्राफ्ट के लिए एक समझौता है. जिसमें से 16 जहाज एयरबस सीधे डिलिवर करेगी. बाकी 40 जहाजों का निर्माण टाटा के साथ ज्वाइंट प्लांट में होगा. C-295 मिलिट्री एयरक्राफ्ट भारत में एवरो 748 विमानों की जगह लेंगे, जिन्हें कभी एयरफोर्स की ताकत और संकटमोचक कहा जाता था.
HAL ने किया निर्माण, सरकार ने दी सब्सिडी
एवरो हॉकर सिडली HS748 ब्रिटिश मूल का दो इंजन वाला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट और मालवाहक जहाज है. यह जहाज एक बार में 48 पैराट्रूपर्स या छह टन माल ले जा सकता है और 1960 के दशक में इसे भारतीय वायुसेना (IAF) के बेड़े में शामिल किया गया था. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने ब्रिटिश एयरक्राफ्ट के साथ मिलकर एवरो 748 का निर्माण शुरू किया था. कुछ वक्त बाद इंडियन एयरलाइंस को भी इसी तरह के जहाज की जरूरत पड़ी. उस वक्त कंपनी डच मूल के फोकर F-27 खरीदने पर विचार कर रही थी, लेकिन सरकार ने कहा कि इंडियन एयरलाइंस की जरूरतों को HAL द्वारा बनाए एवरो 748 विमान पूरा कर सकते हैं. सरकार ने इंडियन एयरलाइंस को HS 748 की बिक्री में मदद करने के लिए सब्सिडी भी दी ताकि HAL की डिलीवरी कीमत F-27 के बराबर ही रहे और ज्यादा न हो.
कैसे जहाज थे एवरो 748
एवरो हॉकर सिडली HS748 एक बहुउद्देशीय एयरक्राफ्ट था, जिसमें दो रोल्स-रॉयस डार्ट इंजनों लगे थे. इन जहाजों को डगलस DC-3 के रिप्लेसमेंट के तौर पर लाया गया था और इसके केबिन में 44-52 यात्रियों को ले जा सकता था. एवरो 748 के कई वैरिएंट भी आए. पहला वैरिएंट सीरीज-1 थी, जिसमें 24 विमान बनाए गए थ. इसके बाद के वैरिएंट को 52-सीटर सीरीज में बदला गया और इसमें शक्तिशाली रोल्स-रॉयस डार्ट RDa7 MK.531 इंजन लगे थे. इसके बाद अपग्रेडेड सीरीज 2A और 2B और ‘सुपर 748’ आए. HS 780 ‘एंडोवर’ भी आया, जो HS748 का एक मॉडिफाइड वर्जन था. जिसे ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स के लिए एक सामरिक ट्रांसपोर्टर विमान के तौर पर तैयार किया गया था.
- एवरो-748 की पहली उड़ान 1 नवंबर 1961 को शुरू हुई थी.
- एवरो 748 जहाज में पावरफुल डार्ट 6 इंजन थे.
- एवरो-748 की लंबाई 67 फुट और ऊंचाई 24 फुट 10 इंच थी.
- इसमें 40-58 यात्री बैठ सकते थे और इसका पेलोड 5136 किलोग्राम था.
- इसकी क्रूज़ स्पीड 452 किलोमीटर प्रति घंटा थी.
- एवरो-748 का उत्पादन 1988 में बंद हो गया था.
कौन-कौन यूज करते थे इसे
एवरो 748 जहाजों ने युद्धग्रस्त देशों से लेकर आर्कटिक तक अपनी जगह बनाई. इसका उत्पादन 1988 तक जारी रहा. एवरो 748 यूज करने वालों में इंडियन एयरलाइंस (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स द्वारा निर्मित); एरोलीनियास अर्जेंटिनास; VARIG; फिलीपीन एयरलाइंस; थाई एयरवेज; LAN-चिली; बोराक एयरलाइंस; भारतीय वायु सेना (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स द्वारा निर्मित); ब्राजीलियाई वायु सेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियाई वायु सेना शामिल थे.
भारतीय वायुसेना के इस्तेमाल के लिए जो एवरो 748 जहाज बनाए गए, उन्हें मॉडिफाई भी किया गया. HS 748 Srs 2M विमानों में सर्विलांस के लिए खासतौर से एंटीना लगाए गए. इन जहाजों को HAL 748 ASP (एयरबोर्न सर्विलांस प्लेटफॉर्म) कहा जाता है. इसके अलावा कुछ जहाजों को कैलिब्रेशन के लिए भी मॉडिफाई किया गया, जिन्हें HS748 एंडोवर E.3 या HS748 एंडोवर E.3A कहते हैं.