रेशमा बेगम की हालत गंभीर होने पर उन्हें निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनआईएमएस) में ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों को संदेह है कि मोमो के अलावा मेयोनीज और चटनी के कारण भी लोगों को फूड पॉयजनिंग हो सकता है। पुलिस ने बताया कि मोमो खाने के बाद रेशमा और उनकी 12 और 14 साल की बेटियों की तबीयत खराब हो गई थी। उन्होंने पहले गंभीरता से नहीं लिया। उन्हें लगा कि थोड़ा आराम करने से उन्हें ठीक महसूस होगा, लेकिन उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने लगी।
पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया और फूड स्टॉल चलाने वाले बिहार के दौ लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान पुलिस को मालूम चला कि आसपास के इलाकों में भी कम से कम 20 अन्य निवासियों को भी फूड पॉयजनिंग के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी ने उसी स्टॉल से मोमोज खाए थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने निरीक्षण किया, उन्होंने बताया कि स्टॉल एफएसएसएआई लाइसेंस के बिना चलाया जा रहा था और भोजन अस्वच्छ परिस्थिति में बनाया जा रहा था। एक अधिकारी ने बताया कि फूड पॉयजनिंग के मुख्य कारणों का पता लगाया जा रहा है