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भारत ने अंग्रेजों से वापस लिया अपना सोना, 6 महीने में 102 टन गोल्ड देश में आया, जानिए कैसे हुआ गोल्ड ट्रांसफर

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आम आदमी के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी सोने से अपनी तिजोरी भरी है. दरअसल अप्रैल-सितंबर की अवधि में आरबीआई ने घरेलू स्तर पर रखे गए सोने के भंडार में 102 टन की बढ़ोतरी की है. मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. केंद्रीय बैंक ने कहा कि स्थानीय तिजोरियों में रखे गए सोने की कुल मात्रा 30 सितंबर, 2024 तक 510.46 टन थी. यह मात्रा 31 मार्च, 2024 तक रखे गए 408 टन सोने से अधिक है. विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी छमाही रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 32 टन सोने का भंडार बढ़ाया. इसके साथ कुल भंडार बढ़कर 854.73 टन हो गया.

पिछले कुछ वर्षों में भारत धीरे-धीरे अपने गोल्ड रिजर्व को स्थानीय तिजोरियों में ट्रांसफर कर रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 में इसने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना घरेलू स्थानों पर स्थानांतरित किया था. यह 1991 के बाद के सबसे बड़े गोल्ड ट्रांसफर में से एक था.

कभी गिरवी रखना पड़ा था सोना

भारत को 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए अपने स्वर्ण भंडार का एक बड़ा हिस्सा गिरवी रखना पड़ा था. आरबीआई के मुताबिक, 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) के पास सुरक्षित रखा गया था और 20.26 टन सोना स्वर्ण जमा के रूप में रखा गया था. मई के अंत में ही सूत्रों ने संकेत दिया था कि मानक समीक्षा प्रक्रियाओं के तहत विदेशों में सोना भंडार को घटाने का निर्णय लिया गया है.

बुरे माहौल में सोना सबसे सुरक्षित निवेश

दुनिया में जियोपॉलिटिकल टेंशन के बढ़ते तनाव के बीच दुनियाभर में निवेशक गोल्ड में पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि सोने को असुरक्षित माहौल में निवेश के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इसलिए आम आदमी के साथ-साथ दुनिया के सभी सेंट्रल बैंक भी गोल्ड रिजर्व बढ़ा रहे हैं.