अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीतेंगे या फिर कमला हैरिस, ये तो वक्त ही बताएगा. इसी बीच दुनिया भर के देशों के चुनावों में अड़ंगा लगाने वाले अमेरिका को अब अपने ही राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी ताकतों के दखल का डर सताने लगा है. इतना ही नहीं अमेरिकी एजेंसियों ने तो बाहरी दखल के संबंध में सूचना देने वाले को 10 मिलियन डॉलर यानी भारतीय करेंसी में 84 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी है. अमेरिका अपने ही देश के राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी दखल को लेकर बुरी तरह से डरा और सहमा हुआ है. उसे डर है कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान होने वाली प्रक्रियाओं में सेंध लगाई जा सकती है. खुफिया एजेंसियों को डर सता रहा है कि उसके यहां होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में बाहरी देश गड़बड़ी फैला सकते हैं.
इसी आशंका के मध्य नजर उसने इस बाबत सूचना देने वाले को 10 लाख मिलियन डॉलर इनाम देने की घोषणा की है. अमेरिका की राजनीतिक सुरक्षा सेवा न्याय विभाग में इस बाबत बाकायदा पोस्टर निकाल कर जानकारी भी आम लोगों से साझा की है. इसमें उसने ईरानी साइबर फर्म पर आरोप लगाया है कि उसने साल 2020 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था. अमेरिकी एजेंसी को डर है कि यह साइबर फर्म एक बार फिर ऐसी कोशिश कर सकती है. इस बाबत जानकारी देने वाले को 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम देने की घोषणा की गई है.
रूस-ईरान से डरा अमेरिका
इसी प्रकार ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कार्पस से जुड़े कुछ लोगों की तस्वीर जारी करते हुए कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 के अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने के प्रयास में अनेक साइबर ऑपरेशन किए है. अगर किसी के पास इन व्यक्तियों के बारे में जानकारी है तो सूचना देने पर उसे 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जा सकता है. अमेरिकी प्रशासन द्वारा एक रूसी मीडिया संगठन से जुड़े लोगों की कुछ तस्वीरें भी जारी की गई है और कहा गया है कि इन लोगों ने 2024 की अमेरिकी चुनाव को टारगेट करते हुए अनेक दुष्प्रचार और गलत सूचनाओं फैलाई है.
सूचना देने पर इनाम की धोषणा
इस बारे में जानकारी देने वालों को 10 मिलियन डॉलर तक का इनाम दिया जाएगा. अमेरिका ने ऐसे अनेकों पोस्टर जारी किए है. जिनमें प्रत्येक पोस्टर के बारे में जानकारी देने वालों को 10 मिलियन डॉलर इनाम देने की घोषणा की गई है. ऐसे अनेकों पोस्टर है, जो कुल मिलाकर सौ मिलियन डॉलर तक पहुंच सकते हैं. दिलचस्प है कि वह अमेरिका जो अपने आप को सभी साधनों से संपन्न बताता है वह इन कथित हैकरों से अपनी चुनाव प्रणाली में सेंध लगाए जाने को लेकर बुरी तरह से डरा हुआ है. यही कारण है कि उसने इन लोगों के बारे में सूचना देने वालों को सैकड़ो मिलियन डॉलर इनाम देने की घोषणा तक कर दी है.