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वोट जिहादियों से निपटने के लिए संघ की मदद मांगी है

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां चरम पर है. नामांकन वापस लेने की तारीख बीत जाने के बाद अब हर एक सीट पर मुकाबले की तस्वीर साफ हो गई है. इसी बीच लोकसभा चुनाव में लगे झटके से भाजपा बेहद सचेत हो गई है. डिप्टी सीएम और राज्य में भाजपा के चेहरा देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि उन्होंने इस चुनाव में ‘उपद्रवियों’ और ‘वोट जिहादियों’ से निपटने के लिए संघ से सहायता मांगी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में फडणवीस ने कहा कि वह स्वयंसेवकों के लगातार संपर्क में हैं. उन्होंने यह बात बीते दिनों संघ के पदाधिकारियों के साथ उनकी लगातार हुई कई बैठकों के बारे में पूछे जाने पर कही. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि संघ किसी राजनीतिक दल के लिए खासतौर पर काम नहीं करता है. फडणवीस ने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दल कांग्रेस से नहीं लड़ रहे हैं. बल्कि वे देश की इस सबसे पुरानी पार्टी के साथ जुड़े उपद्रवियों और राष्ट्र विरोधी ताकतों से लड़ रहे हैं. और संघ से हमें इनसे लड़ने में सहयोग मिलता है.

नड्डा ने कही थी ये बात
फडणवीस का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. क्योंकि पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा था कि पहले हमें संघ की जरूरत थी. हम अपने दम पर लड़ने में सक्षम नहीं थे. लेकिन, आज हम काफी बड़े हो गए हैं और हम सक्षम भी हैं. आज भाजपा अपने दम पर चल रही है. लोकसभा चुनाव से पहले नड्डा का यह बयान चर्चा में आया था. इस बयान से माना गया कि भाजपा और संघ के बीच सबकुछ ठीक नहीं है.

वोट जिहाद की वजह से गंवाई 10 सीटें
फडणवीस ने कहा कि बीते लोकसभा चुनाव में वोट जिहाद की वजह से भाजपा ने 10 सीटें गंवा दी थी. उन्होंने धुले लोकसभा सीट का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि उस सीट पर मालेगांव विधानसभा सीट को छोड़कर हर जगह हम 1.9 लाख वोट से आगे थे. लेकिन केवल मालेगांव में एमवीए को 1.94 लाख वोट मिले और हम चुनाव केवल चार हजार वोटों से हार गए. उन्होंने आगे कहा कि वोट के लिए फतवा तक जारी किया गया. उसमें भाजपा के खिलाफ वोट करने को कहा गया. उन्होंने आगे कहा कि अब अल्पसंख्यकों को भी लगने लगा है कि उनके साथ धोखा हुआ. हम जानना चाहते हैं कि कांग्रेस ने इस बार कितने मुस्लिमों को टिकट दिया है.