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क्या डोनाल्ड ट्रंप का बदलेगा इरादा, पहले ईरान पर कसी थी नकेल, अब इजरायल से जंग खत्म कराने के लिए देंगे कोई सौगात?

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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ी जीत हासिल करते हुए इतिहास रच दिया है. ट्रंप फिलहाल वहां प्रेसिडेंट इलेक्ट यानी निर्वाचित राष्ट्रपति कहे जाएंगे. 20 जनवरी को उनका शपथ ग्रहण होगा और इसी के साथ वह आधिकारिक तौर पर अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन जाएंगे. 78 साल के ट्रंप इस पद पर आसीन होने वाले सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन जाएंगे. इसके साथ ही अमेरिकी इतिहास में यह दूसरा मौका होगा, जब कोई राष्ट्रपति एक बार चुनाव हारने के बाद दोबारा व्हाइट हाउस में वापसी कर रहा है. इससे पहले 1888 के चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रपति ग्रोवर क्लीवलैंड चुनाव हार गए थे, लेकिन फिर 1892 के चुनाव में उन्होंने दोबारा से जीत दर्ज की थी.

डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के साथ ही अमेरिका की विदेश नीति में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. ट्रंप अपने चुनावी भाषणों में कई बार कहते रहे हैं और चुनाव जीतने के बाद यह बात दोहराई कि दुनिया में जारी जंगों को खत्म कराना चाहते हैं. फिर चाहे वह रूस-यूक्रेन युद्ध हो, या फिर मिडिल ईस्ट की जंग, जो शुरू तो इजरायल पर हमास के हमले से हुई थी, लेकिन देखते ही देखते ही यह लेबनान, सीरिया और ईरान की दहलीज तक जा पहुंची है.

ऐसे में सवाल उठता है कि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा से राष्ट्रपति बनने पर इजरायल-ईरान युद्ध को लेकर क्या नीति अपनाते हैं. यह सवाल इसलिए भी अहम हो जाता है कि क्योंकि ट्रंप के चुनाव जीतते ही ईरान में मानो कोहराम मच गया. वह की मुद्रा का मूल्य जैसे रसातल में चला है. कल चुनाव नतीजे साफ होते-होते ईरान में 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत 7 लाख रियाल के पार चली गई थी.

दरअसल डोनाल्ड ट्रंप के पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा से ईरान के साथ परमाणु कार्यक्रम रोकने के एवज में एक डील की थी, लेकिन ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान 2017 अमेरिका ने ईरान के साथ न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी और उस पर प्रतिबंधों का दायरा बढ़ा दिया था. ट्रंप के शासनकाल में ही ईरान के सबसे ताकतवर कमांडर कासिम सुलेमानी को मार दिया गया था. तब ईरान ने बदला लेने की खूब कसमें खाई थी, लेकिन ट्रंप की सख्ती के आगे वह बेबस सा ही नजर आया है.

ऐसे में सवाल क्या ट्रंप इस बार अपना इरादा बदलेंगे या ईरान को लेकर कुछ नरमी दिखा सकते हैं. दरअसल 2017 और 2024 के बीच के हालात काफी बदल गए हैं. पश्चिम एशिया इस वक्त भीषण युद्ध की चपेट में है और इसे किसी भी दिन महायुद्ध या कई तो तीसरे विश्व युद्ध में तब्दील होने की आशंका जता रहे हैं. ऐसे में युद्ध खत्म कराने के वादे के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले ट्रंप के लिए यह एक बड़ा टास्क होगा.

ट्रंप बिल्कुल नहीं चाहेंगे कि पश्चिम एशिया का युद्ध पूरी दुनिया में फैल जाए और इसके लिए उनकी पहली कोशिश इजरायल और ईरान के बीच समझौता कराने की होगी. अब समझौते में दोनों ही पक्षों को कुछ न कुछ तो मिलता जरूर है. इसलिए अब नजरें इसी बात ट्रंप अपने दूसरे कार्यक्रम में ईरान के साथ कैसे डील करते हैं.

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