अगले साल पेश होने वाले बजट से पहले टैक्स सिस्टम में और सुधार की मांग उठने लगी है. उद्योग मंडल CII ने अगले वित्त वर्ष के बजट में कर प्रणाली में अधिक सुधारों को बढ़ावा देने का अनुरोध किया है. सीआईआई ने कहा कि पूंजी निवेश की रफ्तार बनाए रखने पर भी ध्यान देना होगा. भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा के साथ आगामी बजट पर हुई एक बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों, कृषि और सामाजिक क्षेत्र से संबंधित बुनियादी ढांचे पर विशेष ध्यान देने के साथ पूंजीगत व्यय को 25 प्रतिशत बढ़ाने का भी अनुरोध किया.
वित्त वर्ष 2025-26 का बजट एक फरवरी, 2025 को पेश किया जाएगा. इसके लिए विभिन्न संगठनों के साथ चर्चा का दौर शुरू हो चुका है. सीआईआई के अध्यक्ष संजीव पुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था की आंतरिक मजबूती और वृद्धि आकांक्षाओं को देखते हुए भारत के लिए सुधारों के अगले चरण की रूपरेखा तैयार करने का यह एक उपयुक्त समय है.
दुनिया में भारत स्थिरता का प्रतीक बना
पुरी ने कहा, ‘‘पिछले दशक में भारत एक तनावपूर्ण दुनिया में स्थिरता और विकास का प्रतीक बनकर उभरा है. हम इस स्थिति को मजबूत करने और प्रतिस्पर्धी भारत बनाने के लिए केंद्रीय बजट की ओर देख रहे हैं जो समृद्ध, समावेशी, न्यायसंगत, पर्यावरण के अनुकूल और तकनीकी रूप से उन्नत हो.’’
बता दें कि पिछले बजट में भी सरकार ने टैक्स सुधारों के लिए कई अहम ऐलान किए थे इनमें विवाद से विश्वास स्कीम 2.0 अहम थी. टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए आयकर विभाग ने ‘विवाद से विश्वास’ योजना 2024 लेकर आया है. इस योजना का लाभ वे करदाता उठा सकते हैं, जिनके विवाद/अपील 22 जुलाई, 2024 तक उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालयों, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण, आयुक्त/ संयुक्त आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित हैं. इनमें रिट और विशेष अनुमति याचिकाएं (अपील) शामिल हैं, चाहे वे करदाता या कर अधिकारियों द्वारा दायर की गई हों.