धमतरी। गंगरेल बांध के किनारे मां अंगारमोती का मंदिर विराजित है. दीपावली के बाद पड़ने वाले पहले शुक्रवार को यहां मड़ई मेले का आयोजन किया जाता है. इस बार गंगरेल मड़ई का आयोजन 8 नवंबर यानि आज शुक्रवार को किया गया है। परंपरा के मुताबिक आसपास के गांव से ग्राम देवता इस मड़ई मेले में पहुंचते हैं. मनोकामना पूरी होने की मुराद लेकर हजारों लोग यहां दंडवत होकर पहुंचते हैं. मड़ई मेले को लेकर जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए यातायात पुलिस ने ट्रैफिक रूट चार्ट भी जारी किया है.
गंगरेल मड़ई का मुख्य आकर्षण मां अंगारमोती की विशेष पूजा और महिलाओं की संतान प्राप्ति के लिए रस्म अदायगी में शामिल होने का दृश्य रहता है, जिसे देखने दूर-दराज से लोग आते हैं। इस मड़ई में चरण पखारने की अनोखी परंपरा चली आ रही है। चरण पखारने की परंपरा में विवाहित नि:संतान महिलाएं शामिल होती हैं।
सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात
गंगरेल मड़ई में लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है। सुरक्षा के लिए पुलिस के जवान जगह-जगह पर तैनात किए गए हैं। मां अंगारमोती समिति के अनुसार चरण पखारने की परंपरा का निर्वहन हर साल गंगरेल मड़ई के दिन ही किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन माता से आशीर्वाद लेने वाली नि:संतान महिलाओं की मनोकामना पूरी होती है। माता की ख्ताति को मानने वाले श्रद्धालु धमतरी के अलावा अन्य प्रदेश से भी आते हैं।
ऐसा रहेगा ट्रैफिक रूट
मां अंगारमोती मंडई मेला में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गंगरेल पीटीएस, शीतला मंदिर के आगे बेरियर के पास, मानव वन के आगे ऑक्सीजोन में पार्किंग व्यवस्था की गई है। रायपुर दुर्ग की ओर से आने वाले पर्यटक सीधे अंबेडकर चौक से होकर गंगरेल जा सकेंगे। इसी प्रकार बालोद की ओर से आने पर्यटक पुरूर से बोरिदखुर्द, सोरम, भटगाँव, खिड़कीटोला से गंगरेल पहुंचेंगे। नगरी, सिहावा, बोरई, गरियाबंद से आने वाले पर्यटक नहर नाका पुलिया बायपास मार्ग से होकर रूद्री चौक से गंगरेल पहुंचेंगे। इसी तरह वापसी के दौरान सभी पर्यटक खिड़कीटोला, भटगांव से गोकुलपुर होकर अपने गंतव्य तक जाएंगे।