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संभल में बवाल के बाद जांच के लिए पहुंची न्यायिक आयोग की टीम, भारी पुलिस बल तैनात…

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संभल। जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर प्रकरण में सर्वे के दौरान हिंसा का सच जानने के लिए शासन द्वारा गठित न्यायिक आयोग की तीन सदस्यीय टीम सुबह 10:30 बजे संभल पहुंची और जहां से हिंसा शुरू हुई वहीं से अपनी जांच शुरू की। पुलिस के सुरक्षा घेरे में जांच टीम ने उन सभी स्थानों पर जाकर जांच की जहां पथराव व आगजनी की घटनाएं हुईं थी। इसके साथ ही मस्जिद में जाकर कमेटी के सदर से भी जानकारी की। जांच टीम ने संभल के डाक बंगले में मंडल एंव जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। 

19 नवंबर को संभल की जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर होने का दावा सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां पेश किया गया था। उसी दिन शाम को मस्जिद का सर्वे दोनों पक्षों की मौजूदगी में एडवोकेट कमिश्नर रमेश सिंह राघव द्वारा कराया गया था। 24 नवंबर को हुए दूसरे चरण क सर्वे के दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव करने के साथ ही वाहनों में आग लगा दी थी। 

दोनों ओर से हुई फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले 29 नवंबर को सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश की जानी थी, लेकिन एडवोकेट कमिश्नर की ओर से दस दिन का समय ले लिया गया। इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि निचली अदालत में इस मामले की सुनवाई नहीं होगी। मस्जिद कमेटी हाईकोर्ट जाकर अपना पक्ष रखेगी। यही नहीं सर्वे रिपोर्ट भी निचली अदालत में नहीं खोली जाएगी। सीलबंद लिफाफे को हाईकोर्ट भेजा जाएगा

मामले की गंभीरता को देखते हुए संभल में हुई हिंसा का सच जानने के लिए सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन कर दिया। हिंसा के आठवें दिन मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह एवं डीआइजी मुनिराज के साथ आयोग की टीम मुरादाबाद से चलकर सुबह 10:30 बजे संभल पहुंच गई। 

आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जज डीके अरोड़ा की टीम में रिटायर्ड आइएएस अमित मोहन प्रसाद और सेवानिवृत्त आइपीएस एके जैन भी में शामिल हैं। करीब दर्जनभर गाड़ियों के काफिले के साथ टीम पहले कोतवाली पहुंची।

वहां से जिलाधिकारी डा. राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के साथ बाजार से पैदल डाकखाना आ गई। पुलिस के सुरक्षा घेरे में चल रही टीम अधिकारियों से जानकारी लेने के बाद उस स्थान पर पहुंची जहां कार व बाइक में आग लगाई गई थी। यहां से वाटर वर्क्स की ओर वाले रास्ते पर टीम ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया, इसके बाद टीम जामा मस्जिद पर पहुंची। 

जहां करीब 13 मिनट तक सदर व अन्य कमेटी सदस्यों से जानकारी ली। वापस टीम कोतवाली से एकता पुलिस चौकी और फिर वहां से हिंदू पूरा खेड़ा पहुंची। टीम ने यहां भी उस स्थान का जायजा लिया, जहां बाइक जलाई गई थी और महिलाओं द्वारा पथराव किया गया था।

हिंसा में चार लोगों की मौत

अब 29 को जामा मस्जिद में नमाज भी होनी है। पहले ही बवाल हो चुका है, जिसमें चार लोगों की मौत होने के साथ ही दर्जन भर से अधिक पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी घायल हो गए थे।

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