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किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना या सस्ता लोन, एक कार्ड से होंगे पूरे सारे काम

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केंद्र सरकार डिजिटल कृषि मिशन के तहत देश के हर किसान की डिजिटल पहचान बनाने को किसान आईडी कार्ड (Farmer ID Card) बनाया जाएगा. सरकार का लक्ष्य 11 करोड़ किसानों को डिजिटल पहचान प्रदान करना है. इस एक कार्ड से ही किसान सम्‍मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड और फसल बिक्री जैसे काम हो जाएंगे. केंद्र सरकार ने अब किसान पहचान-पत्र बनाने के काम में तेजी लाने का निर्देश राज्‍यों को दिया है. कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने 28 नंवबर को राज्‍यों को पत्र भेजकर किसान पहचान-पत्र बनाने को शिविर आयोजित करने के आदेश दिए हैं.वित्तीय वर्ष 2024-25 में 6 करोड़, 2025-26 में 3 करोड़ और 2026-27 में 2 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा.

किसान पहचान पत्र एक आधार-लिंक्ड डिजिटल पहचान है, जिसे भूमि रिकॉर्ड से जोड़ा जा रहा है. इसमें किसानों के व्यक्तिगत विवरण, बोई गई फसलों और भूमि स्वामित्व की जानकारी शामिल होगी. इस कार्ड किसान की ज़मीन, मवेशियों और उसके द्वारा बोई गई फसल की जानकारी दर्ज होगी. इस कार्ड के ज़रिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं के लिए आवेदन करते समय सत्यापन की जटिलता को कम करने में मदद मिलेगी.

फार्मर आईडी से बनेगी किसान रजिस्‍ट्री
इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कृषि मंत्रालय किसान आईडी से “किसान रजिस्ट्री” बनाएगा, जो केंद्र सरकार के डिजिटल कृषि मिशन के तहत एग्री स्टैक का हिस्सा होगी. इस मिशन को इस साल की शुरुआत में केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिली थी. कृषि मंत्रालय के इन प्रयासों से किसानों को उनकी डिजिटल पहचान मिलने में तेजी आएगी और कृषि क्षेत्र में डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा.

किसान पहचान-पत्र बनाने में तेजी लाने के निर्देश
कृषि मंत्रालय ने किसान पहचान-पत्र बनाने के काम में तेजी लोन के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही शिविर आधारित पद्धति को अपनाने के लिए केंद्र ने राज्यों को प्रोत्साहन देने की घोषणा की है. प्रत्येक शिविर के आयोजन के लिए 15,000 रुपये तक का अनुदान और प्रत्येक किसान आईडी पर 10 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन राज्‍य को केंद्र सरकार देगी. ये प्रोत्साहन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना के बजट से दिए जाएंगे.