कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज संभल के लिए निकले और उनके काफिले को गाजीपुर फ्लाईओवर पर रोक लिया गया, जिसके बाद जमकर ड्रामा हुआ. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की झड़प पुलिस से हुई और वे आगे जाने की अपनी जिद पर अड़े रहे. साथ ही साथ धरने पर भी बैठ गए, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उनकी एक नहीं सुनी. आखिरकार उन्हें अपने कदम वापस खींचने पड़ गए.
राहुल गांधी ने कहा, ‘हम संभल जाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस इजाजत नहीं दे रही है. विपक्ष के नेता के तौर पर जाना मेरा अधिकार है लेकिन फिर भी वे मुझे रोक रहे हैं. मैंने कहा कि मैं अकेले जाने को तैयार हूं, मैं पुलिस के साथ जाने को तैयार हूं, लेकिन वे इस पर भी राजी नहीं हुए. अब वे कह रहे हैं कि अगर हम कुछ दिनों में वापस आते हैं, तो वे हमें जाने देंगे. यह विपक्ष के नेता के अधिकारों के खिलाफ है, उन्हें मुझे जाने देना चाहिए. यह संविधान के खिलाफ है, हम सिर्फ संभल जाना चाहते हैं, लोगों से मिलना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि वहां क्या हुआ. मुझे मेरे संवैधानिक अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं. यह नया भारत है, यह संविधान को नष्ट करने वाला भारत है, हम लड़ते रहेंगे.’
क्या बोलीं प्रियंका गांधी?
प्रियंका गांधी ने कहा, ‘राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष हैं, उनका संवैधानिक अधिकार है उन्हें मिलना चाहिए. उन्हें (संभल) जाने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.’ कांग्रेस सांसद और महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि वे हमें 4-5, 6 दिन बाद अनुमति (संभल जाने की) देंगे. उन्होंने जानबूझकर यातायात को अवरुद्ध कर दिया है. वे नहीं चाहते कि हम आम लोगों के लिए (संभल)जाएं.”
वहीं, राहुल गांधी को रोकने के लिए पुलिस की ओर से गाजीपुर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की थी, जिसके चलते भीषण जाम लग गया. लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा. इसके अलावा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी. इससे पहले प्रशासन ने संभल के आसपास के चार जिलों, बुलंदशहर, अमरोहा, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर को अलर्ट पर रखा था. वहां के अधिकारियों को राहुल गांधी और उनके साथ आने वाले नेताओं को अपने-अपने जिलों की सीमाओं पर रोकने को कहा गया था. संभल के एसपी केके बिश्नोई ने भी राहुल गांधी से अपील की थी कि वो अपना संभल दौरा टाल दें.
राहुल गांधी के साथ जा रहे थे कई कांग्रेस नेता
कांग्रेस के नेता और सांसद सुबह पार्टी दफ्तर पहुंचे थे. इसके बाद यहीं से राहुल और प्रियंका भी संभल के लिए निकले थे. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का कहना था इस प्रतिनिधिमंडल में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, प्रभारी अविनाश पांडे, मैं और यूपी के हमारे सांसद, संभल जाएंगे, लेकिन प्रशासन ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा, ‘सरकार हमें क्यों रोक रही है? वह क्या छिपाने की कोशिश कर रही है, उसे किससे डर है? विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें यह देखने का अधिकार है कि देश में क्या चल रहा है. संभल में जो घटना हुई, वह बेहद निंदनीय है. लोग मारे गए हैं. कौन जिम्मेदार है? अगर विपक्ष के नेता घटनास्थल पर नहीं जाएंगे, तो वे संसद में इस मुद्दे को कैसे रखेंगे? हम संभल के हालात देखना चाहते हैं, लेकिन सरकार हमें क्यों रोक रही है? क्या यह तानाशाही नहीं है? राहुल गांधी निश्चित रूप से संभल जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मिलेंगे और उनकी आवाज उठाएंगे.’
संभल हिंसा में पाकिस्तान कनेक्शन
इधर, संभल हिसा में जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. हिंसा के दौरान पाकिस्तान और अमेरिका में बने कारतूसों के इस्तेमाल की बात सामने आई है. संभल हिंसा में पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आया है. फॉरेंसिक टीम को संभल से जो खोखा और मिसफायर कारतूस मिले हैं. उनमें से कुछ पाकिस्तान में बने हैं.
फॉरेंसिक टीम को नालियों से 5 खोखा और 2 मिस फायर कारतूस मिले हैं. ये खोखे पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बने हैं. सर्च ऑपरेशन में अफसरों की टीम को मौके से पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के 9MM के 2 मिस फायर और 1 खोखा बरामद हुआ है. इसके अलावा 12 बोर के 2 खोखे और 32 बोर के 2 खोखे बरामद हुए हैं. पुलिस की टीम अभी सर्च ऑपरेशन कर रही है, लेकिन फॉरेंसिक टीम को हिंसा स्थल पर पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के कारतूस के खोखे मिले हैं. ये खुलासा हिंसा में विदेशी हथियारों के उपयोग और बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है.