अगर आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं तो बाजार नियामक सेबी ने आपको एक बड़ी राहत दी है. सेबी ने डीमैट और म्यूचुअल फंड खातों समेत अन्य सिक्योरिटी मामलों में नॉमिनी से जुड़े नए नियम नोटिफाई किए हैं. इसके तहत अब निवेशक के असमर्थ या अक्षम रहने पर उसकी ओर से नामांकित व्यक्ति फाइनेंशियल डिसीजन ले सकेगा. इस सुविधा का फायदा यह होगा कि नॉमिनी को डीमैट और म्यूचुअल फंड अकाउंट के ऑपेरशन का पूरा अधिकार मिल जाएगा. नए नियम 28 नवंबर से लागू हो गए हैं.
आम निवेशकों को यह राहत देने के लिए सेबी ने ‘डिपॉजिटरी एंड पार्टिसिपेंट्स’ एक्सचेंजेस में संशोधन किया है. इस बदलाव के जरिए यह व्यवस्था की गई है कि अगर निवेशक या शेयर धारक फैसले लेने में अमसर्थ रहता है तो उसकी जगह नॉमिनी फैसले ले सकता है. हालांकि, इसके लिए कुछ सुरक्षा शर्तें भी रखी गई हैं.
-प्रत्येक निवेशक को लाभार्थी के तौर पर एक व्यक्ति को नामित करना अनिवार्य होगा, ताकि मृत्यु के बाद उनके शेयर व सिक्योरिटीज को ट्रांसफर किया जा सके.
-निवेशक को द्वारा नामित व्यक्ति को, इन्वेस्टर के अक्षम होने की स्थिति में उसकी ओर से लेनदेन करने के लिए अधिकृत किया जा सकेगा.
-किसी स्थिति में अगर नॉमिनी एक से ज्यादा हैं तो निवेशक किसी एक व्यक्ति को उसकी ओर से लेनदेन करने के लिए अधिकृत कर सकता है.
-निवेशकों को डीमैट खाते और म्यूचुअल फंड में 10 व्यक्तियों को नॉमिनी बनाने की इजाजत होगी. इससे पहले यह संख्या 3 तक सीमित थी.
-निवेशक, नॉमिनी को जितनी बार चाहें बदल सकेंगे. वहीं, एक ही मोबाइल नंबर से पारिवारिक सदस्यों के ट्रेडिंग खाते भी संचालित करने की सुविधा होगी.