राजनांदगांव: कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के प्रति जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन ने भारतीय चिकित्सा संघ राजनांदगांव के सहयोग से एक कैंसर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम आज राजनांदगांव में स्थित एक प्रमुख स्थान पर आयोजित किया गया, जिसमें कैंसर से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञों ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस आयोजन के प्रमुख अतिथि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन राजनांदगांव के सम्माननीय अध्यक्ष डॉ महेंद्र दिवाकर ने इस कार्यक्रम की शुरुआत की और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला। साथ ही, उन्होंने इस तरह के जागरूकता अभियानों की महत्ता पर जोर दिया, जिससे लोगों को समय रहते कैंसर के लक्षणों को पहचानने और उचित उपचार के लिए प्रेरित किया जा सके।
कैंसर विशेषज्ञ और संजीवनी कैंसर केयर फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. यूसुफ मेमन ने कैंसर के इलाज के दौरान अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस बीमारी का जल्द पहचानना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कैंसर के लक्षणों को पहचानने और स्क्रीनिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी।
ब्लड डिजीज और ब्लड कैंसर के विशेषज्ञ डॉ. विकास गोयल ने रक्त कैंसर और अन्य रक्त रोगों के बारे में जानकारी दी, साथ ही इसके इलाज में आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग कैसे किया जाता है, इस पर भी विस्तार से बताया।
सीनियर सर्जिकल ओंकोलॉजिस्ट, डॉ विवेक पटेल, डॉ अर्पण चतुर्मोहता ने सर्जरी के माध्यम से कैंसर के इलाज के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि कैंसर के उपचार में सर्जरी का अहम स्थान है और समय पर सर्जरी से मरीज की जीवन गुणवत्ता बेहतर हो सकती है।
मेडिकल ओंकोलॉजिस्ट डॉ. राकेश कुमार मिश्रा ने कैंसर के विभिन्न प्रकार, उनके लक्षण, और इलाज की विधियों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि अब महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है। परिजनों को 9 से 16 साल की बच्चियों को आवश्यक रूप से यह वैक्सीन लगवाना चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय लोगों ने इन विशेषज्ञों से विभिन्न सवाल पूछे और उनके उत्तरों से कैंसर से संबंधित जरूरी जानकारियां प्राप्त कीं। इस आयोजन से लोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ी और उन्होंने इसे अपनी स्वास्थ्य देखभाल का अहम हिस्सा बनाने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम के आयोजन से यह संदेश दिया गया कि कैंसर एक इलाज योग्य बीमारी है, बशर्ते उसका समय पर पता लगाया जाए और उचित उपचार शुरू किया जाए।