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NCP में आएगा भूचाल! अचानक सीएम फडणवीस से मिलने पहुंच गए छगन भुजबल, अजित दादा की बढ़ाएंगे टेंशन

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महाराष्ट्र की महायुति सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल लगातार नाराज चल रहे हैं. उन्होंने आज सागर बंगले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. भुजबल की इस मुलाकात से सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि छगन भुजबल फडनवीस से मुलाकात के बाद बड़ा फैसला लेने की तैयारी में हैं.

‘न्यूज 18 लोकमत’ को सूत्रों ने बताया कि छगन भुजबल अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद दिल्ली के लिए रवाना होंगे. भुजबल दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता अमित शाह से मुलाकात करेंगे. शाह से मुलाकात के बाद भुजबल क्या फैसला लेते हैं, इस पर अब सियासी हलके की नजरें टिकी हुई हैं.

अजित पवार पर दबाव की कोशिश
छगन भुजबल आज सुबह करीब 10.30 बजे सागर बंगले में दाखिल हुए तो राजनीतिक चर्चा छिड़ गई. यहां सीएम फडणवीस और भुजबल के बीच करीब 20 से 30 मिनट तक बातचीत हुई. भुजबल अचानक फडणवीस से मिलने क्यों पहुंचे थे, यह फिलहाल साफ नहीं हो पाया है. हालांकि, बताया जाता है कि भुजबल ने इस मुलाकात से अजित दादा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

देवेंद्र फडणवीस से क्या हुई बात?
छगन भुजबल ने कहा, ‘आज मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान पूर्व सांसद समीर भुजबल भी मेरे साथ थे. मुख्यमंत्री फडणवीस के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी समेत अन्य जातियों ने महागठबंधन को बड़ी सफलता दिलाई है.’ भुजबल ने इसके साथ ही कहा कि फडणवीस ने उन्हें बताया कि ओबीसी संगठनों के साथ उनकी बैठकें चल रही हैं और वे उनकी नाराजगी से अवगत हैं.

भुजबल ने कहा कि ओबीसी ने महायुति को भरपूर आशीर्वाद दिया. इसलिए हमने बात उठाई कि ओबीसी को नुकसान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि सरकार ओबीसी को नुकसान नहीं होने देगी. मुख्यमंत्री ने 8-10 दिनों में दोबारा बैठक कर ओबीसी के मुद्दे पर रास्ता निकालने का वादा किया है.’

भुजबल ने कहा कि फडणवीस ने यह भी कहा कि उन्हें ओबीसी संगठनों को संदेश देना चाहिए कि ओबीसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा और वह पक्ष-विपक्ष के बारे में सोच रहे हैं.

खबर है कि छगन भुजबल की सभा में कुछ पदाधिकारियों ने मांग की है कि वे बीजेपी के साथ जाने का फैसला लें. वहीं, भुजबल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से देवेंद्र फडणवीस भी हैरान हैं. एक तरफ भुजबल ने फडणवीस के प्रति नरम नीति अपनायी तो दूसरी ओर अजित पवार के खिलाफ सख्त नीति अपनायी. भुजबल की इस नीति से राजनीतिक गलियारों में चर्चा छिड़ गई है.