दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (CNLU) को पांच वर्षीय एलएलबी कोर्स में एडमिशन के लिए होने वाली CLAT 2025 परीक्षा का रिजल्ट संशोधित करने का निर्देश दिया था. इस फैसले की समीक्षा के लिए कंसोर्टियम ने एक याचिका दायर की थी. लेकिन हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला की पीठ ने न्यायमूर्ति ज्योति सिंह के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
पीठ ने कहा कि एकल न्यायाधीश ने दो प्रश्नों की सावधानीपूर्वक जांच की. प्रथम दृष्टया हम उनके दृष्टिकोण से सहमत हैं. पीठ ने कोई अंतरिम आदेश न देते हुए मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को तय की है.
CTAL 2025 से हटाए गए कौन से दो प्रश्न?
प्रश्न संख्या 14
सवाल नंबर 14, जो कि समझ पर आधारित था. प्रोविजनल और फाइनल आंसर-की में इसका उत्तर विकल्प D को बताया गया था. लेकिन आदित्य का दावा था कि सही उत्तर विकल्प C है.
प्रश्न संख्या 100
प्रश्न संख्या 100 लॉजिकल रीजनिंग पर आधारित था. प्रोविजनल आंसर-की में इसका जवाब विकल्प B को बताया गया था. फाइनल आंसर-की में विकल्प D को सही बताया गया था.
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि विकल्प B सही है. इस सवाल के बारे में हाईकोर्ट में तर्क दिया गया कि यह सवाल एक गोलाकार बैठने की व्यवस्था पर आधारित था. आंसर-की में विकल्प D, जो कहता है कि डेटा अपर्याप्त है, गलत है क्योंकि सवाल में राकेश की स्थिति निर्धारित करने के लिए पर्याप्त डेटा था. लेकिन कोर्ट ने माना कि राम और राकेश की बैठने की स्थिति स्पष्ट थी. दिए गए डेटा का उपयोग करते हुए, सही उत्तर ‘सोहन’ होना चाहिए था; हालांकि, यह विकल्प उत्तर विकल्पों में शामिल नहीं था. इसलिए, कोर्ट ने निर्देश दिया कि इस सवाल को हटा दिया जाए.
किसने दायर की थी याचिका
क्लैट यूजी 2024 की प्रोविजनल आंसर की रद्द करने और कांउसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा 17 वर्षीय उम्मीदवार आदित्य सिंह ने खटखटाया था. याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि सेट A के पांच सवालों के जवाब गलत थे. ये पांच सवाल थे: सवाल नंबर 14, 37, 67, 68 और 100. हालांकि, कोर्ट ने केवल दो सवालों, सवाल नंबर 14 और 100, को संशोधित करने का निर्देश दिया.