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‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ पर भजनलाल सरकार का बड़ा कदम, सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाया, अब बनेंगे प्रशासक

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राजस्थान की भजनलाल सरकार ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ की तैयारी में जुट गई है. इसी के तहत राजस्थान सरकार ने सरपंचों का कार्यकाल बढ़ा दिया है. इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है. प्रदेश के सरपंच संघों की भी लगातार मांग थी कि सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाया जाए ताकि वे सुचारू तौर पर काम कर सकें और अगले चुनाव तक ग्राम पंचायतों के गवर्नेंस में कोई परेशानी पेश ना आए. वहीं राजस्थान सरकार प्रदेश की सभी पंचायतों के चुनाव एक साथ करवाना चाहती है.

सरकार को इस रणनीति से वित्तीय और मानव संसाधन की बचत के साथ प्रशासनिक कामों के भी आसान होने की उम्मीद है. इसी सोच के साथ सरकार ने उन सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय लिया है जिनका कार्यकाल हाल ही में खत्म होने जा रहा है. अकेले जनवरी महीने में ही 6759 सरपंचों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है.

सभी पंच प्रशासन समिति के सदस्य होंगे
सभी पंचायतों के एक साथ चुनाव करवाने के लिए उनको एक ही समय सीमा में लाना जरूरी था. इसलिए सरकार ने सरपंचों का कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्हें उन्हीं की पंचायत में प्रशासक नियुक्त करने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गई है. सरकार ने इस मामले में मध्य प्रदेश मॉडल को अपनाया है. इसमें निवर्तमान सरपंच अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी प्रशासक के रूप में बने रहेंगे. पंचायत के बाकी सदस्य यानी पंच उस प्रशासन समिति के सदस्य रहेंगे.

महीनेवार इन सरपंचों का पूरा हो रहा है कार्यकाल
प्रदेश में पंचायतों के कार्यकाल की समाप्ति पर बात करें तो 17 जनवरी को 2726 और 22 जनवरी को 2333 सरपंचों को कार्यकाल पूरा हो रहा है. इनके अलावा 29 जनवरी को 1700 ग्राम पंचायतों के सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इसी साल मार्च में 704 और स‍ितंबर में 3847 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा. प्रदेश सरकार ने राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 के तहत विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाया है.

प्रशासक और बीडीओ वित्तीय शक्तियों का प्रयोग कर सकेंगे
हालांकि सरकार ने अभी इसे किसी मियाद में नहीं बांधा है. लेकिन इससे नए चुनाव होने तक गवर्नेंस की सभी कड़ियां जरूर जुड़ी रहेंगी और निरंतरता बनी रहेगी. नए आदेश के तहत प्रशासक और बीडीओ अपनी वित्तीय शक्तियों का प्रयोग कर सकेंगे. प्रशासकीय समिति नई पंचायत की पहली बैठक के एक दिन पहले तक कार्यरत रहेगी. जिला कलेक्टर प्रशासकीय समितियों का गठन करेंगे.