बिहार में शराबबंदी कानून के बाद पुलिस शराब पकड़ने के लिए अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी करती है. लेकिन, अगर शराब की बोतलें पुलिस वालों के ठिकाने पर ही मिलने लगे तो आप क्या कहेंगे? दरअसल ऐसा ही कुछ मामला बिहार की राजधानी पटना से सामने आया है, जहां थाने के अंदर जांच करने पहुंची टीम वहां का नजारा देखकर हैरान रह गयी है. जांच टीम को थाने के अंदर से जो कुछ भी मिला उससे पुलिस अधिकारी और जवान के कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं.
बिहार में जांच के दौरान शराब तस्करों से जब्त 16 बोतल शराब को छिपाना पटना पुलिस के अधिकारियों और जवानों को महंगा पड़ा है. दरअसल सुल्तानगंज थाने की पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर तस्करों के पास से 16 बोतलों में 21 लीटर अंग्रेजी शराब जब्त की थी. पुलिस अधिकारी मुरारी सिंह के नेतृत्व में यह बड़ी कार्रवाई की गई थी. लेकिन, पुलिस अधिकारी जब्त शराब को लेकर जब थाना तब उसे माल खाने में जमा नहीं किया और थाने कैंपस में ही छुपा कर रख दिया. बाद में इसकी भनक और अधिकारियों को लग गई.
थाने के कैंपस से मिली 16 बोतलें
इसके बाद पटना एसएसपी ने इस पूरे मामले की जांच का निर्देश सिटी एसपी पश्चिमी को दिया. सिटी एसपी पश्चिम ने पूरे मामले की जांच की और जब्त 16 बोतलें शराब को थाने कैंपस से ही ढूंढ निकाला. इसके बाद कार्रवाई करते हुए सहायक और निरीक्षक मुरारी सिंह, सिपाही नागेंद्र पासवान, चालक शैलेश कुमार और एक अन्य शख्स संतोष पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया. इन सभी के खिलाफ सुल्तानगंज थाने में ही मधनिषेध अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है. यहपहला मौका नहीं है जब पुलिसकर्मियों ने जब्त शराब के साथ इस तरह की हरकत को अंजाम दिया हो.
क्यों नहीं सुधार रहे पुलिस वाले
लेकिन सबसे बड़ी बात यही है कि बार-बार और अधिकारी कार्रवाई करते हैं लेकिन निचले स्तर पर तैनात पुलिसकर्मी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं. एक बार फिर से न्यायिक हिरासत में भेजे गए यह सभी पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं. पटना एसएसपी ने अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को आगाह किया है कि वह किसी भी सूरत में शराबबंदी अधिनियम के साथ लापरवाही या मजाक नहीं करें नहीं तो उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी.