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डिजिटल अरेस्ट कर महिला से 2.27 करोड़ की ठगी, दिल्ली के Cyber एक्सपर्ट ने बताए फ्रॉड कॉल को कैसे पहचानें

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देश में डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. साल 2024 के 15 नवंबर तक की बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में कुल 214 करोड रुपए की ठगी डिजिटल अरेस्ट के जरिए हो चुकी है. ताजा मामला जयपुर का है. जहां उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में जयपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, उसने देहरादून की एक महिला से डिजिटल अरेस्ट के जरिए 2.27 करोड़ रुपए की ठगी की थी.

ऐसे में बढ़ते हुए डिजिटल अरेस्ट के मामलों से लोगों में डर पैदा हो गया है. आखिर क्या है डिजिटल अरेस्ट और क्या इससे बचा जा सकता है. यही जानने के लिए जब लोकल 18 की टीम ने दिल्ली के Cyber एक्सपर्ट अनुराग सिंह से बात की. वह भारत सरकार के लिए डिजिटल अरेस्ट के क्षेत्र में काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि डिजिटल अरेस्ट तेजी से बढ़ने वाला एक तरफ का Cyber क्राइम ही है.

गुमनाम नंबर से कॉल कर करते हैं वसूली

उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट में एक गुमनाम नंबर से आपके नंबर पर कॉल आती है. उसमें जब आप देखते हैं तो सामने वाला या तो किसी वर्दी में होता है. उसके आसपास का बैकग्राउंड पुलिस या फिर किसी बड़े विभाग का होता है. फ्रॉड के बात करने का तरीका भी प्रोफेशनल होता है. डिजिटल अरेस्ट में फ्रॉड ऑफिसर बताता है कि वह पुलिस डिपार्टमेंट से बात कर रहा है. आपके नाम पर किसी भी तरह का क्राइम वह बता देता है, चाहे वह आपके बच्चे से जुड़ा हो या चाहे वह आपका पासपोर्ट फर्जी बात करके आपसे बात करने की कोशिश करेंगे.

रिश्वत देकर बचना चाहते हैं लोग

ऐसे में जब आप डर जाते हैं और डर आपके ऊपर हावी हो जाता है. तब फ्रॉड आगे बात करते हुए कहता है कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है. अब आप जहां है वहीं रहेंगे. आप किसी और से मिल नहीं सकते. अगर आपने ऐसा किया तो यह मामला और संगीन हो जाएगा. इसके बाद फ्रॉड मामले को खत्म करने के लिए पैसों की मांग करते हैं. लोगों को लगता है कि रिश्वत देकर सजा से बच सकते हैं तो वो फ्रॉड की बात मानकर उनको पैसे दे देते हैं.

डिजिटल अरेस्ट करने का नहीं है कानून

Cyber एक्सपर्ट अनुराग सिंह ने बताया कि भारत के लोगों को पहले यह जान लेना चाहिए कि हमारे देश में किसी भी डिपार्टमेंट के पास किसी भी व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट करने का कानून नहीं है. यह प्रावधान हमारे कानून में नहीं है. ऐसे में अगर कोई आपके पास कॉल करके कहे कि आपको डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है तो आप उसकी बात बिल्कुल भी ना सुनें. फोन कट कर दें और आसपास के लोगों से इस मामले में जरूर बताएं. अकेले में इस समस्या का समाधान करने में ना जुटें. क्योंकि डिजिटल अरेस्ट डर है, जो लोगों में पैदा किया जाता है. इसी डर से लोग करोड़ों रुपए अब तक अपने गंवा चुके हैं.

इस तरह बचें

1- गुमनाम फोन कॉल को शक की निगाहों से देखें.

2- गुमनाम फोन कॉल या वीडियो कॉल को ट्रूकॉलर या दूसरी एप्लीकेशन के जरिए चेक करें.

3- गुमनाम नंबर से आने वाली वीडियो कॉल को तो बिल्कुल भी उठाएं नहीं.

4-अगर कोई आपको डिजिटल अरेस्ट करता है तो उसको बता दें कि हमारे देश में ऐसा कोई कानून नहीं है.

5- फ्रॉड की बातों में ना आए, उसकी एक-एक बात को समझें और अपने अंदर डर पैदा न होने दें.

6-Cyber थाने में इसकी तुरंत शिकायत करवाएं. पैसों की डिमांड करने वालों को पैसा बिल्कुल भी ना दें. क्योंकि जो पैसों की डिमांड करेगा वह 100 फीसदी फ्रॉड होगा.