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मध्यभारत की पहली मस्जिद अलअज़ीज़ मस्जिद जहां सात सौ से अधिक रोजेदार एक साथ करते हैं इफ़्तार

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पहली मस्जिद जहां महिलाओं के लिए नमाज़ की व्यवस्था
राजनांदगांव:- मध्य भारत की सबसे खूबसूरत मस्जिदों में से एक अल अज़ीज़ मस्जिद में रमज़ान के पाक और मुकद्दस महीने में तरावीह की विशेष नमाज अदा करने सैकड़ो मुस्लिम भाई शामिल हो रहे है। यहां देश की अग्रणी उद्योग समूह आईबी ग्रुप द्वारा रोजा इफ्तार को लेकर खास इंतजाम किया जा रहा है। यहां रोजाना तकरीबन 700 से अधिक रोज़ेदार एक साथ अपना रोज़ा खोल ने पहुंच रहे हैं। इस दौरान रोजा इफ्तार के लिए विशेष व्यवस्था के तहत शाम को खजूर, फल, शरबत, पकौड़े सहित अन्य पारंपरिक जायकेदार पकवान बनाये जा रहे हैं। अल अज़ीज़ मस्जिद में रोजा इफ्तार केवल भोजन वितरण का कार्य नहीं है, बल्कि यह भाईचारे और एकता का संदेश भी देता है। इस आयोजन में न केवल स्थानीय लोग बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी लगभग 700 से अधिक रोज़ेदार शामिल होते हैं।
रमजान का आध्यात्मिक महत्व
रमजान इस्लाम धर्म में आत्मसंयम, दान और इबादत का महीना है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोज़ा रखते हैं और शाम को इफ्तार के समय अपना उपवास खोलते हैं। अल अज़ीज़ मस्जिद में आयोजित यह सामूहिक इफ्तार न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी एक अनुकरणीय प्रयास है।
मस्जिद के दीदार के लिए आते है लोग
इंदामरा में स्थित अलअजीज मस्जिद की खूबसूरती देखते बनती है। इस मस्जिद के दीदार के लिए न केवल राजनांदगांव बल्कि दुर्ग, भिलाई, रायपुर सहित आसपास के अन्य जिलों से भी मुस्लिम समाज के लोग आते है। अपनी आकर्षक बनावट के चलते यह मस्जिद देशभर में मशहूर होती जा रही है।


महिलाओं के लिए इंतजाम
एबीस ग्रुप में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं भी कार्यरत है। वहीं मस्जिद का दीदार करने भी बड़ी संख्या में राजनांदगांव शहर सहित आसपास के जिलों से महिलाएं पहुंचती है। इस मस्जिद में पहुंचने वाला हर कोई यहां नमाज अदा करना चाहता है। जिसे देखते हुए आईबी ग्रुप के एमडी बहादुर अली की मंशानुरू मस्जिद में महिलाओं के लिए अलग से नमाज पढऩे की व्यवस्था है। इस वजह से यह मस्जिद महिलाओं के लिए भी काफी अहम है।
महिलाओं के लिए अलग वजूखाना
मस्जिदों में महिलाएं नमाज अदा करने नहीं जाती है। महिलाएं घर पर ही नमाज पढक़र अल्लाह की इबादत करती है। लेकिन अल अजीज मस्जिद में खासकर महिलाओं के लिए नमाज पढऩे अलग व्यवस्था ही कर दी गई है। इस मस्जिद में पुरुषों के लिए अलग और महिलाओं के लिए अलग नमाज पढऩे का स्थान बना हुआ है। नमाज से पहले वजू करने के लिए भी महिलाओं की सहूलियत को देखते हुए सिर्फ महिलाओं के लिए ही अलग वजू खाना बना दिया गया है। इस तरह से यहां महिलाओं के पर्दे का एहतराम करते हुए काफी अच्छी व्यवस्था की गई है। जिसे मुस्लिम समाज की महिलाओं की सराहना मिल रही है।
धार्मिक पर्यटन स्थल
अल अज़ीज़ मस्जिद में आकर इबादत करने के साथ ही यह मस्जिद धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो गई है। इस मस्जिद की तस्वीर देखने से ही लोग इस मस्जिद में आना चाहते हैं और जो एक बार यहां पहुंचता है, वह दोबारा जरूर आता है। अल अज़ीज़ मस्जिद में आने वाले मुस्लिम समाज के पुरुष और महिला मस्जिद का दीदार करने के साथ ही यहां की खूबसूरती को घंटों निहारते रहते हैं ।
रमजान पर रोजा इफ्तार
मस्जिद अल अजीज में हर साल रमजान के महीने में तकीबन 15 हजार से अधिक लोग यहां रोजा इफ्तारी करने आते है और मगरीब की नमाज अदा करने के बाद अल्लाह का शुक्र अदा करते है।
तीन एकड़ में निर्मित
इंदामरा में आईबी ग्रुप द्वारा बनाई गई यह खूबसूरत मस्जिद 3 एकड़ के क्षेत्रफल में निर्मित है। अल अजीज मस्जिद की बनावट और सुविधाओं के चर्चे पूरे देश में है। मस्जिद की खूबसूरत नक्काशी देखने वालों को काफी आकर्षित करती है। यह मस्जिद इतनी बड़ी है कि इसमें 500 से अधिक नमाजी एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं।

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