नई दिल्ली. अगर आप चेक (Cheque) से लेन-देन करते हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने गुरुवार को पूरे देश में सितंबर 2020 तक चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) लागू करने की घोषणा की है. इसका मतलब, सितंबर से बैंक नॉन सीटीएस चेक (Non-CTS Cheque) स्वीकार नहीं करेंगे. अगर आपके पास भी पुराना चेक बुक है तो आप बैंक जाकर नई सीटीएस चेक वाली चेक बुक ले सकते हैं. CTS सिस्टम के तहत संबंधित बैंक को चेक वास्तविक रूप से भेजने के बजाए इलेक्ट्रानिक रूप से उसकी तस्वीर भेजी जाती है. आरबीआई ने यह व्यवस्था 2010 में शुरू की थी. फिलहाल यह कुछ बड़े शहरों में ही परिचालन में है.
अधिकांश बैंकों ने पहले ही 1 जनवरी, 2020 से नॉन-सीटीएस चेक को क्लीयर करना बंद कर दिया है. अगर आपके चेक बुक के चेक पर CTS-2010 Cheque नहीं है तो इसका मतलब यह नॉन-सीटीएस चेक बुक है. देश के सभी बैंकों में 1 जनवरी 2013 से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस 2010) लागू किया गया था.
क्या है चेक ट्रंकेशन सिस्टम?
CTS में चेक को क्लियर करने के लिए एक बैंक से दूसरे बैंक में ले जाने की जरूरत नहीं होती. इसके केवल इलेक्ट्रॉनिक कॉपी पेश की जाती है. लिहाजा, यह सिस्टम प्रभावी ढंग से चेक के एक स्थान से दूसरे स्थान जाने में लगने वाली लागत को समाप्त करता है, उसे कलेक्ट करने में लगने वाले समय को कम करता है और चेक प्रोसेसिंग की समस्त प्रक्रिया को बेहतर बनाता है. यह प्रक्रिया पूरी दुनिया में अपनाई जा रही है
पुराना चेक है तो क्या करें?
अगर आपके पास नॉन सीटीएस चेक है तो आपको बैंक से सीटीएस वाली नई चेक बुक इश्यू करानी होगी. पुराने चेक के बदले आप बैंक से नया चेकबुक ले सकते हैं. इसके लिए आपसे कोई चार्ज नहीं लगेगा.
आरबीआई ने कहा कि भारत में डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है और जल्दी ही डिजिटल भुगतान सूचकांक (डीपीआई) जारी करेगा. शीर्ष बैंक ने बयान में कहा कि वह नियमित अवधि पर डीपीआई तैयार करेगा और उसे प्रकाशित करेगा ताकि प्रभावी तरीके से भुगतान में डिजिटलीकरण का पता लगाया जा सके. बयान के अनुसार, डीपीआई विभिन्न मानदंडों पर आधारित होगा और डिजिटल भुगतान के विभिन्न माध्यमों की पहुंच को सही तरीके से प्रतिबिंबित करेगा. डीपीआई जुलाई 2020 से उपलब्ध होगा.