नई दिल्ली. इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़े विवाद सुलझाने के लिए शुरू की गई ‘विवाद से विश्वास’ (Vivad Se Vishwas) स्कीम का दायरा बढ़ाया गया है. बजट के दूसरे हिस्से में डायरेक्ट टैक्स विवाद से विश्वास बिल, 2020 (Direct Tax Vivad se Vishwas Bill, 2020) पारित होगा. बजट सत्र (Budget Session) का दूसरा चरण 2 मार्च से शुरू होगा. विवाद से विश्वास स्कीम के तहत संशोधन मंजूर किए गए हैं. 31 मार्च तक विवाद सुलझाने पर जुर्माना नहीं लगेगा. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते लोकसभा में बिल पेश किया था, जिसमें देश में 9.32 लाख करोड़ रुपये से जुड़े कर विवाद के मामलों के समाधान के प्रावधान हैं.
31 मार्च तक विवाद सुलझाने पर जुर्माना नहीं
डायरेक्ट टैक्स से जुड़े विवाद को लेकर ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम के तहत टैक्सपेयर्स को 31 मार्च, 2020 तक बकाए की केवल विवादित कर राशि ही जमा करानी होगी. ऐसा करने पर जुर्माना और ब्याज माफ होगा. हालांकि, यह योजना 30 जून 2020 तक खुली रहेगी, लेकिन जो लोग 31 मार्च के बाद कर का भुगतान करेंगे उन्हें टैक्स अमाउंट पर 10 फीसदी अतिरिक्त भुगतान करना होगा. वहीं, जो विवाद ब्याज या जुर्माना राशि से ही जुड़े हैं, वहां करदाता को 31 मार्च तक विवादित राशि का 25 फीसदी और उसके बाद 30 जून तक 30 फीसदी ही भुगतान करना होगा.
कौन उठा सकता है स्कीम का फायदा?
बिल के अनुसार, 31 जनवरी 2020 तक जो मामले कमिश्नर (अपील), इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, उन टैक्स के मामलों पर यह स्कीम लागू होगी. लंबित अपील टैक्स विवाद, पेनाल्टी या ब्याज से जुड़ी हो सकती है. एसेसमेंट या रीएसेसमेंट से भी इसका नाता हो सकता है.
>> विवादित पेनल्टी की रकम से जुड़े बकाये का वाद
>> री-असेसमेंट से जुड़े विवादित मामले का भी निबटारा
>> विवादित टैक्स बकाये से जुड़ी रकम का मामला.
>> विवादित ब्याज की रकम से जुड़े बकाये का केस
>> टीडीएस, टीसीएस से जुड़े मामले का भी स्कीम में निपटारा
>> नोटबंदी की वजह से आये मामलों का भी निबटारा होगा
>> कमिश्नर अपील, आइटीएटी, हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के मामले
>> 31 जनवरी 2020 तक के लंबित मामलों का निबटारा