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चीन का दावा मिल गया है कोरोना वायरस का इलाज, जानें क्या है हकीकत

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चीन (China) में करोना वायरस (Coronavirus) का कहर कम नहीं हुआ है. इस वायरस की चपेट में आकर मरने वालों का आंकड़ा डेढ़ हजार के पार कर गया है. कोरोना वायरस को लेकर तरह-तरह की खबरें सामने आ रही हैं. पूरी दुनिया इस बीमारी के बढ़ते कहर से चिंतित है. चीन की शी जिनपिंग (Xi Jinping) की सरकार पर खतरा पैदा हो गया है. शी जिनपिंग के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं.

इस बीच एक खबर ये आ रही है कि चीन ने कोरोना वायरस का इलाज (Treatment) ढूंढ़ लिया है. दावा किया जा रहा है चीन ने इस बीमारी के पहली बार दिसंबर के पहले हफ्ते में पता चलने के ढाई महीने बाद कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ़ लिया गया है. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज, जो ठीक हो चुके हैं, उनके जरिए करोना वायरस से संक्रमित दूसरे मरीजों का इलाज संभव है.

क्या है कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का इलाज
चीन के अखबार चाइना डेली ने कोरोना वायरस का इलाज ढूंढ़ लेने के दावे को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की है. इस रिपोर्ट के बाद उम्मीद बंधी है कि शायद अब इस लाइलाज बीमारी का इलाज मुमकिन है. चाइना डेली की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ये कोरोना वायरस का सबसे इफेक्टिव इलाज है. दावा किया जा रहा है कि इस इलाज के जरिए नोवल कोरोना वायरस से संक्रमित गंभीर मरीजों का इलाज किया जा चुका है और कई मरीज इससे ठीक हो चुके हैं.

ब्लड प्लाज्मा से हो सकता है नोवल कोरोना वायरस का इलाज
चीन की सरकारी मेडिकल कंपनी नेशनल बॉयोटेक ग्रुप ने दावा किया है कि ब्लड प्लाज्मा के जरिए कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज को ठीक किया जा सकता है. कंपनी का दावा है कि 8 फरवरी के बाद कोरोना वायरस के करीब 10 गंभीर मरीजों का इलाज इस पद्धति से किया गया है और वो सारे मरीज ठीक हो गए हैं. इस रिजल्ट के बाद अब कंपनी का भरोसा बढ़ा है और इसे कोरोना वायरस के संक्रमण का भरोसेमंद इलाज माना जा रहा है.

कैसे किया जाता है ब्लड प्लाज्मा से कोराना वायरस के संक्रमण का इलाज
चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्म करने के लिए इलाज की इस पद्धति में उस व्यक्ति का ब्लड प्लाज्मा लिया जाता है, जो पहले कोरोना वायरस के संक्रमण में आ चुका हो और ठीक हो गया हो. नेशनल बॉयोटिक ग्रुप कंपनी का कहना है कि संक्रमण के बाद ठीक हुए व्यक्ति के ब्लड में हाई एंटीबॉडी पाई जाती है. ऐसे लोगों के ब्लड प्लाज्मा से बीमार व्यक्तियों का इलाज संभव है.

कंपनी का दावा है कि इस ट्रीटमेंट का असर 24 घंटे में ही दिखने लगता है. जिन मरीजों को उन्होंने ब्लड प्लाज्मा ट्रीटमेंट दिया उनका बुखार और बीमारी के बाकी लक्षण 24 घंटे के भीतर कम होने लगे. चीन अब इस ट्रीटमेंट को लेकर लगातार प्रयोग कर रहा है. इसको लेकर क्लीनिकल ट्रॉयल चल रहे हैं. कम से कम 77 रजिस्टर्ड मरीजों पर इसका ट्रायल जारी है.

इलाज के लिए जमा किए जा रहे हैं ब्लड प्लाज्मा
चीन की नेशनल बॉयोटेक ग्रुप कंपनी अब ऐसे लोगों के ब्लड प्लाज्मा इकट्ठा कर रही है, जो पहले कोरोना वायरस के संक्रमण के शिकार थे और अब ठीक हो चुके हैं. ऐसे लोगों के ब्लड प्लाज्मा में हाई एंटीबॉडी होती है. अब ऐसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को सामने आने के लिए कहा जा रहा है जो संक्रमण से निकलकर बाहर आए हैं. उन्हें अपना ब्लड डोनेट करने के लिए उत्साहित किया जा रहा है.

एक एक्सपर्ट ने इलाज की इस पद्धति को लेकर कहा है कि नोवल कोरोना वायरस के जो मरीज रिकवर हुए हैं, उनके शरीर में इतना ताकतवर एंटी बॉडी पाया गया है, जो वायरस को मार सकता है. अभी तक कोरोना वायरस को लेकर वैक्सीन की खोज नहीं हुई है. इसको लेकर कोई दवा भी नहीं बनी है. इसलिए ऐसे में ब्लड प्लाज्मा वाली पद्धति कोरोना वायरस के इलाज में सबसे कारगर है. इससे वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा कम होगा.

चीन की नेशनल बॉयोटेक कंपनी ऐसे लोगों से रक्तदान की अपील कर रही है, जो कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हुए हों. इस बारे में स्टेटमेंट जारी किया गया है. चीन की नेशनल हेल्थ कमीशन ने प्लाज्मा ट्रीटमेंट को गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज की ट्रीटमेंट गाइडलाइन में शामिल कर लिया है.

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