राजनांदगांव(दावा)। मानव सेवा व जनकल्याण के लिए समर्पित अंचल की सेवाभावी संस्था बर्फानी सेवाश्रम समिति ने वर्तमान में देश के साथ ही विश्व के अनेक राष्ट्रों में पैर पसार चुकी कोरोना वायरस को देखते हुए संस्था ने केन्द्र व राज्य सरकारें तथा जिला प्रशासन के निर्देशों व अपील के तहत 25 मार्च से प्रारंभ हुए चैत्र नवरात्रि पर्व को सादगी से मनाने का निर्णय लिया था, जिसके तहत संस्था ने सिद्धपीठ में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। वहीं अब महाष्टमी हवन व ज्योति कलश विसर्जन में भी श्रद्धालुओं से बर्फानी आश्रम न पहुंचते हुए घर पर ही पूजा पाठ करने की अपेक्षा की है।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित गर्भगृह में विराजमान मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव-शक्ति सिद्धपीठ में हिन्दू नववर्ष चैत्र नवरात्र 25 मार्च से प्रारंभ हो गई है। देश में फैले कोरोना वायरस के चलते देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा इस महामारी से बचाव हेतु शासन व प्रशासन स्तर पर जनहानि से बचाने समय-समय पर दिशा-निर्देश व आदेश दिए जा रहे और आमजन से 21 अप्रैल तक लाकडाउन के तहत घर में ही रहने की अपेक्षा की गई है। जिसे देखते हुए संस्था ने सिद्धपीठ परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है। चैत्र नवरात्र के अवसर पर सिद्धपीठ में पूजा अर्चना व ज्योति कलश प्रज्जवलन आचार्यों द्वारा किया गया है यहां 1445 ज्योति कलश प्रज्जवलित है। 29 मार्च को पंचमी के अवसर पर विशालकाय मां पाताल भैरवी, मां काली, गणेश जी महाराज, मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या, पातालेश्वर महादेव, शिव शंकर भोले भण्डारी द्वादश ज्योतिर्लिंग, हनुमान जी महाराज, भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया।
संस्था के अध्यक्ष राजेश मारू, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महेन्द्र लूनिया, महंत गोविंद दास, बलविंदर सिंह भाटिया, मनीष परमार, कुलबीर छाबड़ा, संजय खंडेलवाल एवं अन्य सदस्यों ने निर्णय लिया कि महाष्टमी हवन व ज्योति कलश विसर्जन पर श्रद्धालु बर्फानी आश्रम न पहुंचे, घर में ही पूजा अर्चना करें। संस्था द्वारा महाष्टमी हवन सूक्ष्म रूप में पंडितों द्वारा किया जाएगा। जिसमें कोरोना महामारी वायरस से सभी देशवासी व मानव जाति सुरक्षित व स्वस्थ रहे व यह संकट जल्द ही समाप्त हो ऐसी माता व देवी देवताओं, ग्रह-नक्षत्रों से कामना की जाएगी। वहीं दुर्गा नवमीं के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा प्रज्जवलित ज्योतिकलशों का विसर्जन मंत्रोच्चार के मध्य विधि विधान से गंगाजल अर्पित कर किया जाएगा। इसके लिए भी श्रद्धालु बर्फानी आश्रम न पहुंचे। अपने परिवार व देश की सलामती के लिए घर से न निकले, घर में रहकर राष्ट्रभक्ति का परिचय देंवे।
संस्था ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रामनवमीं, दुर्गा नवमीं में होने वाले कुंवारी कन्या भोजन व सार्वजनिक भंडारा प्रसाद कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है और श्रद्धालुओं को विश्वास दिलाया है कि हम समस्त देशवासी कोरोना को हराकर देश को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में अपना योगदान देंगे।