यूरिया व डीएपी का रेक नहीं पहुंचा, किसानों में आक्रोश
राजनांदगांव(दावा)। कोरोना संकट के बीच प्री-मानसून की आहट के साथ जिले में खेती कार्यों में तेजी आ गई है। किसानों का रुख खेतों की ओर है। किसान खरीफ फसल बोनी की तैयारी में जुटे हुए हैं। खेती के लिए किसान जिला सहकारी समितियों से खाद व बीज का उठाव करने लगे हंै। वहीं जिले की कई सहकारी समितियों में खाद का स्टॉक खत्म होने की खबर है। सोसायटी पहुंच रहे किसान खाद नहीं मिलने से भटकने मजबूर हंै। जिला सहकारी समिति से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में यूरिया व डीएपी का रेक नहीं पहुंचा है। इसकी वजह से जिले में खाद की किल्लत हो गई है। बताया जा रहा है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल खाद का उठाव अधिक हो रहा है। मांग अधिक होने व आपूर्ति कम होने से खाद की कमी है। जानकारी के अनुसार जिले के सोमनी, अंजोरा, ढाबा, सिंघोला, कन्हारपुरी, वनांचल क्षेत्र मानपुर-मोहला व साल्हेवारा क्षेत्र के सोसायटियों में पिछले 4-5 दिनों से खाद का स्टॉक खत्म हो गया है। खाद नहीं मिलने से किसानों को सहकारी बैंक का चक्कर लगाना पड़ रहा है। किसानों ने बताया कि खाद का स्टाक आने की जानकारी सहकारी बैंक के कर्मचारियों को भी नहीं है। इसकी वजह से स्पष्ट जानकारी नहीं मिलने से किसान भटकने मजबूर हैं।
अब तक 243 करोड़ रुपए का ऋण वितरण
खरीफ फसल के लिए किसान खाद के अलावा नगदी ऋण भी ले रहे हैं। जिला सहकारी बैंक से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अब तक 84 हजार 835 किसानों द्वारा 243 करोड़ का ऋण लिया जा चुका है। वहीं इस साल जिले में 63 हजार टन खाद वितरण का लक्ष्य है। इसके एवज में अब तक 30 प्रतिशत ही खाद का वितरण हुआ है। खाद की कमी से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ऋणी किसानों के लिए बीमा हुआ एच्छिक
सरकार ने फसल बीमा के लिए इस साल अपने नियम में बदलाव किया है। ऋणी किसान अब अपनी इच्छा के अनुसार ही फसल का बीमा करा सकेंगे। इससे पहले ऋण लेने वाले किसानों का फसल बीमा की राशि प्रीमियम के माध्यम से कट जाता था। अब ऋण लेने वाले किसान अगर बीमा नहीं कराना चाहेंगे तो एक फार्म जमा कर सकते हैं। इससे बीमा का प्रीमियम नहीं कटेगा।
यूरिया व डीएपी का रेक नहीं आने से कुछ सोसायटियों में खाद की कमी हो गई थी। सोमवार शाम को रेक पहुंची है। जिन जगहों में खाद की कमी है, वहां तत्काल पहुंचाया जाएगा।
– सुनील वर्मा, सीईओ जिला सहकारी बैंक