Home छत्तीसगढ़ टेका-कन्हारडबरी सडक़ का घटिया निर्माण

टेका-कन्हारडबरी सडक़ का घटिया निर्माण

42
0

ठेकेदार को पीडब्ल्यूडी का खुला संरक्षण
राजनांदगांव (दावा)। खैरागढ़ लोक निर्माण विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई जा रही सडक़ों में गुणवत्ता को दरकिनार कर निर्माण कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है। कार्यों का जायजा लेने की भी फुर्सत किसी विभागीय अधिकारी को नहीं है, जिसके कारण निर्माण एजेंसी के ठेकेदार द्वारा मनमानी करते हुए घटिया मटेरियल का इस्तेमाल कर सडक़ निर्माण को अंजाम दिया जा रहा है। आलम यह है कि ग्राम टेका से कन्हारडबरी तक हो रहे सडक़ निर्माण में मुरूम की जगह खेतों से निकाली गई लाल मिट्टी का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे बरसात के दिनों में लोगों के लिए परेशानी सामने आने वाली है। लोक निर्माण विभाग अंतर्गत जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूरस्थ ग्राम टेका से कन्हारडबरी तक तीन किमी लंबी सडक़ का निर्माण ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है। चूंकि इस कार्य को लेकर कहीं पर भी सूचना बोर्ड नहीं लगाया गया है, इसलिए यह पता नहीं चल सका कि इस रोड के निर्माण के लिए कितनी राशि की स्वीकृति शासन से मिली है और सडक़ बनाने वाला ठेकेदार कौन है? हालांकि ग्रामीणों से चर्चा करने पर पता चला कि इस रोड का निर्माण ओबेराय कंपनी द्वारा किया जा रहा है। ग्राम टेका सुकुलदैहान से आगे डोंगरगढ़ रोड पर ग्राम बम्हनी से आगे स्थित है। मेन रोड पर नाला से कुछ आगे दाहिने साइड पर इस रोड का निर्माण कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम टेका बस्ती से बाहर तालाब के पास स्थित जमीन मालिकों से ठेकेदार द्वारा साठगांठ कर खेतों से बड़े पैमाने पर मुरूम का उत्खनन किया गया है। कहने को भले ही खेतों से मुरूम निकाली गई हो, किंतु सच्चाई यह है कि जिसे मुरूम बताकर रोड में बिछाया गया है, वह लाल मिट्टी है। उसमें मुरूम कम और लाल मिट्टी ज्यादा है। इससे बरसात के दिनों में इस रोड से गुजरने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस मामले में खैरागढ़ पीडब्ल्यूडी के ईई एवं एसडीओ ऋतु खरे से मोबाइल पर संपर्क का प्रयास किया गया, पर बात नहीं हो पाई।
मुरूम की जगह डाली गई खेत की लाल मिट्टी
ग्रामीणों ने बताया कि रोड ठेकेदार द्वारा ग्राम टेका के कुछ किसानों को यह आश्वासन दिया गया कि वे उनके उबड़-खाबड़ खेतों की खुदाई कर समतल बनाकर उसमें ऊपर से उपजाऊ मिट्टी डाल देंगे। इसी तरह का आश्वासन देकर किसानों को मना लिया गया, वहीं इन्हीं खेतों से बड़े पैमाने पर मुरूम का उत्खनन कर सडक़ निर्माण में इस्तेमाल किया गया। बड़ी बात यह है कि मुरूम निकालने के एवज में ठेकेदार द्वारा न तो पंचायत को रायल्टी दी गई और न ही खनिज विभाग को। इस तरह रायल्टी की पूरी राशि भी बचा ली गई। इसी रोड पर दो जगहों पर पुलिया का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसमें भी घटिया क्वालिटी के मटेरियल का उपयोग किया जा रहा है। पुलिया की चौड़ाई भी सडक़ की चौड़ाई से कम है। यानि पुलिया वाली जगह को संकरा कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में चार पहिया वाहनों के आवागमन में असुविधा होना तय है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here