सीमा के सभी अग्रिम मोर्चो पर सेना की तैनाती
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवन घाटी में हुए खूनी संघर्ष से गंभीर हुए तनाव के हालात का रास्ता निकालने को लेकर भारत और चीन के बीच हुई कमांडर स्तर की बैठक में भारत ने एलएसी पर पूर्व की यथास्थिति बहाली की शर्त में कोई नरमी नहीं दिखाई। वहीं चीन ने भी अभी तक अपना रुख नहीं बदला है। हालांकि कमांडर कांफ्रेंस के दौरान चीन ने पहली बार कबूल किया कि गलवन घाटी के संघर्ष में चीनी सेना का कमांडर भी मारा गया था। इस बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाणे ने सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ बैठक में मौजूदा हालात पर चर्चा की।
सेना के साथ वायुसेना ने चीन से लगी साढ़े चार हजार किलोमीटर की लंबी सीमा के सभी अग्रिम मोर्चो पर अपनी तैनाती और मोर्चेबंदी बढ़ा दी है। गलवन घाटी की हिंसक झड़प के बाद गुरूवार को हुई आखिरी बातचीत के बाद भारत और चीन के कमांडरों की सोमवार को कमांडर स्तर की वार्ता का दौर फिर शुरू हुआ। गलवन घाटी के निकट चुशूल सेक्टर में चीन के मोल्डो सैन्य कैंप पर हुई दोनों देशों के कमांडर स्तर की वार्ता में भारत की ओर से मेजर जनरल हरेंद्र सिंह ने भाग लिया। इस बैठक के नतीजों पर अभी किसी तरह की औपचारिक या अनौपचारिक जानकारी साझा नहीं की गई है।
सेना प्रमुख जनरल नरवाणे ने शीर्ष कमांडरों से की गहन मंत्रणा
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चीनी अतिक्रमण से बढ़े तनाव के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल नरवाणे ने सेना के कमांडरों की दो दिन की कांफ्रेंस में इस मुद्दे पर शीर्ष कमांडरों के साथ गहन
मंत्रणा की। सेना ने आधिकारिक रुप से भी कहा कि पूर्वी और पश्चिमी दोनों फ्रंट की सामरिक चुनौतियों और हालात पर चर्चा इस कांफ्रेंस का एजेंड़ा है। कमांडर कांफ्रेंस इस लिहाज से भी बेहद अहम है कि सरकार ने शीर्ष सैन्य नेतृत्व से मशविरे के बाद एलएसी पर चीन की आक्रामकता को थामने के लिए एलएसी पर हथियारों का उपयोग करने की भी खूली छूट दे दी है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में लद्दाख समेत चीन से लगे सभी अग्रिम मोर्चे पर सेना की आपरेशनल तैयारियों और रणनीति की समीक्षा की गई। साथ ही सेना प्रमुख ने किसी भी हालात से निपटने को लेकर भी कमांडरों से चर्चा की।
झड़प में कितने चीनी सैनिक मारे गए इसका खुलासा नहीं
हालांकि सूत्रों ने इतना जरूर बताया कि कमांडर स्तर की वार्ता के शुरूआती क्रम में ही चीन ने 15-16 जून की रात गलवन घाटी की हिंसक झड़प में अपने सैन्य कमांडर के भारतीय सैनिकों के हाथों मारे जाने की बात कही। लेकिन इस झड़प में कितने चीनी सैनिक मारे गए इसका खुलासा चीन ने अभी तक नहीं किया है। वैसे भारत की ओर से इस घटना में 40 से अधिक चीनी सैनिकों के मारे और घायल होने की बात बताई गई है।