सर्दी-खांसी से पीडि़त हैं कंटेंटमेंट जोन के दर्जनों लोग
राजनांदगांव(दावा)। शहर के लखोली वार्ड अंतर्गत सेठी नगर के युवक सहित उसके पिता की कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद पूरा क्षेत्र कंटेनमेट जोन बन गया है। वार्ड को सील किये जाने के बाद पुलिस का पहरा लगा दिया गया है। इसके बाद भी सेठी नगर के उदंड लडक़ो का उत्पात कम नहीं हुआ है और वे पीछे से खेतों की ओर के रास्ते से दूसरे वार्डों में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र के रहवासियों में दहशत का वातावरण बना हुआ है।
एहतियातन के तौर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेठी नगर के लोगों की स्वास्थ्य जांच किये जाने पर दर्जनों लोग सर्दी-खांसी से पीडि़त पाये गये है। उससे कोरोना संक्रमण का डर बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के लोगों द्वारा उन्हें आरटीपीसीआर जांच के लिए कहा गया तो वे जांच के लिए सहयोग नहीं कर रहे और जांच के डर से घरों में ताला लगाकर इधर-उधर भाग रहे है। सेठी नगर से खेतों की ओर भाग कर नंदई व लखोली वार्र्ड की ओर निकल जा रहे है। इससे वार्ड के लोग डरे हुए है।
पंद्रह लोग हुए क्वारेंटाइन
आज पुलिस टीम को साथ लेकर स्वास्थ्य अमला ने सेठी-नगर में धावा बोला। इसके पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि आशीष डोंगरे ने सर्दी-खांसी से पीडि़त लोगों को गोली-दवाईयां बंटवाई लेकिन दवाई-गोली लेने को कोई खाली नहीं था। उपर से लोग जांच की डर से घरों को छोड़-छोड़ कर भागने लगे। कोरोना संक्रमित उस इलाके में एम्बुलेंस बस आदि वाहन लेकर पुलिस के साथ पहुचं स्वास्थ्य अमले के लोगों ने घरों घर दस्तक देकर उन्हें बाहर निकाला तथा पुलिस के माध्यम से 15 लोगों को पकड़ कर बस में बिठाकर कोरोन्टाइन हेतु एकलव्य विद्यालय ले गई।
रोजाना हो रही कोरोना जांच
प्रशानिक अमले द्वारा सेठी नगर क्षेत्र का लगभग रोजाना दौरा किया जा रहा है। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा, एसपी जीतेन्द्र शुक्ला व जिला स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी डॉ. मिथलेश चौधरी के निर्देश पर लखोली नाका स्कूल में पिछले चार दिनों से कंटेमेंट जोन के लोगों सहित गंजलाईन, मठपारा, लखोली क्षेत्र के लोगों का आइटीपीसीआर जांच कराई जा रही है। रोजना 50 से 50 लोगों की पूरी सजगता पर सतकर्ता के साथ जांच हो रही है। लेकिन सेठी नगर के लोग इस जांच से डर कर इधर-उधर भाग रहे है। नगर निगम द्वारा स्वास्थ्य सर्वे कराए जाने पर 102 लोगों में दर्जन भर से ज्यादा लोगों में सर्दी-खांसी, बुखार आने की शिकायत पाई गई। उनके उपचार के लिए जिला प्रशासन द्वारा सामने आने पर उन्हें धता बता कर लोग अपने घरों में ताला लगाकर खेतों की ओर भाग चले। जिनमें से कुछ लोगों पर पुलिस का डंडा चलने के भय से उनके पैर रोक रखे जिन्हें बस में बिठा कर कोरोन्टाइन सेन्टर ले जाया गया।