Home छत्तीसगढ़ बैंकों में फसल बीमा में आ रही दिक्कतों को दूर करें- कलेक्टर

बैंकों में फसल बीमा में आ रही दिक्कतों को दूर करें- कलेक्टर

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कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की बैठक संपन्न
राजनांदगांव(दावा)। कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा की अध्यक्षता में आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के संबंध में जिला स्तरीय पर्यवेक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। कलेक्टर श्री वर्मा ने खरीफ वर्ष में फसल बीमा की प्रगति, पिछले वर्ष की दावा भुगतान की स्थिति, रबी वर्ष 2019-20 की स्थिति, बैंकों को प्रेषित किसानों के आवेदनों के निराकरण, प्रधानमंत्री फसल बीमा में पिछले वर्षों की समस्या एवं सुझावों के संबंध में चर्चा की।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि निर्धारित तिथि 15 जुलाई तक सभी किसान जो बीमा का लाभ लेना चाहते हैं उन सभी किसानों का बीमा होना चाहिए। कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि बीमा कराने में किसानों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। डीबीसी बैंक घुमका और पंजाब नेशनल बैंक भण्डारपुर में फसल बीमा के संबंध में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए निर्देश दिए हैं। बीमा कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि डायरेक्ट्रेट स्तर पर जानकारी भेज दी गई है और जल्दी ही इसका निराकरण हो जाएगा।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में सभी किसानों को जानकारी देनी चाहिए। उन्होंने योजना के प्रचार-प्रसार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फिल्ड में कार्य करने वाले कर्मचारी, पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी तथा बैंकों के कर्मचारियों की बैठक लें और फिल्ड में जाकर किसानों को सलाह देने के लिए निर्देशित करें। श्री वर्मा ने कहा कि जिन किसानों ने बीमा कराया है। इसकी जानकारी संबंधित कर्मचारियों को होनी चाहिए। बीमा कराते समय किसानों को आवश्यक दस्तावेजों के संबंध में जानकारी दें।
उप संचालक कृषि जीएस धु्रर्वे ने बताया कि पिछले वर्ष खरीफ मौसम में 2 लाख 47 हजार 708 किसानों ने बीमा कराया था। इसमें 202 करोड़ रूपए का भुगतान किसानों को किया गया है। रबी फसल में 55 हजार 133 किसानों का बीमा किया गया।
उन्होंने बताया कि गत वर्ष 50 हजार 407 अऋणी किसानों का बीमा किया गया। इसमें से 5 हजार 358 किसानों का प्रस्ताव बैंकों में भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ फसल के लिए धान सिंचित तथा असिंचित, मक्का, सोयाबीन, मूंगफल्ली, तूअर, मूंग, उड़द को शामिल किया गया। रबी फसल के लिए चना, गेंहू सिंचित और असिंचित, राई, सरसो और अलसी को शामिल किया गया है। सहायक संचालक उद्यानिकी रंधीर अंबादे ने बताया कि मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत सात उद्यानिकी फसलों को शामिल किया गया है। इसमें टमाटर, केला, बैगन, मिर्च, अदरक, पपीता, अमरूद को शामिल किया गया है। जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री वर्मा ने बताया कि जिन बैंकों में किसानों का खाता है उन्हीं बैंकों में किसान बीमा करा सकते हैं।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि बीमा के अंतिम तिथि से पहले अनिवार्यत: सभी किसानों का बीमा हो जाना चाहिए। इसे प्राथमिकता के साथ पूरा करें। उन्होंने कहा कि किसानों को बीमा राशि मिलने के पहले ही प्रचार-प्रसार किया जाए। जिससे किसानों को यह जानकारी हो जाए कि किस आधार पर किसानों को बीमा राशि का भुगतान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह बीमा कंपनी की जिम्मेदारी है कि किसानों के दस्तावेजों को सही तरीके से पूूरा कराए। कलेक्टर श्री वर्मा ने बीमा के लिए पोस्टर, पाम्पलेट तथा बेनर के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि सभी धान खरीदी केन्द्रों में पोस्टर चिपकाएं और लोगों को जागरूक करें। बैठक में सभी अनुविभागों के एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर लता उर्वशा, बैंकों एवं बीमा कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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