राजनांदगांव (दावा)
जिले के मानपुर ब्लॉक में वन मण्डल की निष्क्रियता देखने मिली, 100 एकड़ के प्लाट पर लगे बांस के पेंड पूरी तरह धराशाही हो गए, वन विभाग ने समय रहते बांस कटाई की जहमत नही उठाई। इसकी वजह से पेड़ सड़कर खराब हो गए और धाराशाही हो गया। इससे शासन-प्रशासन को करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हुआ है।
गौरतलब है कि पर्यावरण को सहेजने के लिए शासन- प्रशासन के अलावा सामाजिक संगठन, आमजनता कई प्रकार के जतन करते दिखाई देते है, वहीं वनों से जुड़ा वन विभाग पूरी तरह निष्क्रिय दिखाई देता है। जिले के वनांचल क्षेत्र मानपुर ब्लॉक में करीब 100 एकड़ जमीन पर करोड़ों रुपये खर्च कर बांस का प्लांटेशन किया गया था, पौधों ने बांस का रूप ले लिया, लेकिन वन विभाग की लापरवाही इतनी की समय रहते बांस की कटाई नही की गई, नतीजन बांस अब सड़कर गिरने लगे गए।
कंडरा जाति के लोगों को मिलता रोजगार
वन विभाग द्वारा बांस का प्लांटेशन तो किया गया, लेकिन इसकी सुरक्षा व कटाई को लेकर गंभीरता नहीं दिखाया गया। नतीजन बांस के हजारों पेड़ सड़कर गिर गए वहीं सैंकड़ों पेड़ जमीन पर गिर गए। समय रहते बांस की कटाई की जाती को कंडरा जाति के लोगों को रोजगार मिलने में काफी मदद होती। वन विभाग की अनदेखी की वजह से पेड़ के खराब होने से सरकार को भी राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ है।
सुरक्षा को लेकर नहीं होता कोई उपाय
वन विभाग द्वारा लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर हर साल कई जगहों पर विभिन्न किस्म के पेड़ पौधों व बांस का प्लांटेशन किया जाता है, लेकिन सुरक्षा को लेकर कोई उपाय नहीं किया जाता। इसकी वजह से पौधों का ग्रोथ नहीं होता वहीं मवेशी भी चट कर जाते हैं। विभाग की मनमानी की वजह से जिले में हरियर छत्तीसगढ़ योजना फेलवर साबित हो रहा है। विभाग के लापरवाही के चलते लाखों रुपयों के राजस्व का चूना शासन को लगाया गया। मामले में विभाग के वनमण्डलाधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने साफ तौर पर मना कर दिया।