राजनांदगांव (दावा)। शहर में सरकारी मेडिकल सामग्री के अवैध विक्रय का मामला सामने आया है। एक दिन पहले बसंतपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास संचालित एक निजी मेडिकल स्टोर से सीजीएमएससी का प्रोडक्ट बेचा गया, जबकि प्रोडक्ट की सप्लाई सिर्फ सरकारी अस्पतालों के लिए की जाती है। जिस व्यक्ति ने यह प्रोडक्ट खरीदा उसने मामले की लिखित शिकायत स्वास्थ्य महकमे में की है। लिखित शिकायत करने वाले अशोक कुमार ध्रुर्वे ने बताया कि वह ग्राम करेलागढ़ थाना गातापार का रहने वाला है अपनी पत्नी सुघिया बाई को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। 10 जुलाई की रात तकरीबन 9 बजे स्टॉफ नर्स ने केथेटर यानी पेशाब नली लाने के लिए कहा। वह कर्मा परिसर में संचालित निजी मेडिकल स्टोर गया।
वहां उसे 140 रुपए में पेशाब नली दी गई। जो सीएमएससी द्वारा सप्लाई की गई थी। बकायदा प्रोडक्ट के पैकेट में कॉर्पोरेशन का लोगों और नॉट फॉर सेल लिखा हुआ था। शिकायकर्ता ने संबंधित दुकान संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जांच टीम को नहीं मिला स्टॉक
मामले की लिखित शिकायत मिलने के बाद ड्रग अधिकारियों द्वारा मामले की जांच की गई, लेकिन यह जांच महज खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं है। ड्रग अधिकारी संजय झाड़ेकर का कहना है कि उन्होंने दुकान की जांच की तो वहां किसी भी तरह का स्टॉक नहीं मिला। इसलिए टीम बैरंग लौट गई।
सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ का संदेह
शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि उसने संबंधित दुकान से प्रोडक्ट खरीदा है वहां सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है, बतौर सबूत सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को देखा जा सकता है। लेकिन जांच दल का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज से कोई ठोस सबूत हाथ नहीं लगा है। संदेह है कि सीसीटीवी फुटेज में किसी तरह की छेड़छाड़ की गई है।
मुख्य कार्यालय से जुड़े हो सकते हैं तार
गौरतलब है कि छग मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन (सीजीएमएससी) केवल सरकारी अस्पतालों को ही दवाईयों व मेडिकल सामग्रियों की सप्लाई करती है। इसमें स्वास्थ्य विभाग का मुख्य कार्यालय भी शामिल है। क्योंकि सामग्री पूर्ति की निरंतरता को बनाए रखने के लिए यहां भी स्टॉक भेजा जाता है, हो सकता है यही से सामग्री की सप्लाई निजी मेडिकल स्टोर में की गई होगी। जांच करने पर इसका खुलासा हो सकता है।