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साढ़े 12 हजार क्विंटल धान के शार्टेज का खेल, 50 उपार्जन केन्द्रों के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज हो सकती है एफआईआर

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राजनांदगांव (दावा)। समर्थन मूल्य में धान खरीदी के बाद जिले के उपार्जन केन्द्रों से साढे बारह हजार क्विंटल यानी करीब सवा दो करोड़ रूपए से अधिक के धान के शार्टेज का मामला सामने आया है। मामले में मार्कफेड, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और फुड विभाग धान शार्टेज के मामले को काफी गंभीरता से ले रहा है। बताया जाता है कि हाल ही में कलेक्टर टीके वर्मा ने इस मामले की समीक्षा के दौरान धान के शार्टेज को गंभीरता से लेते हुए संबंधित सोसाइटियों को शार्टेज की पूरी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हंै। रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी सामने आई तो ऐसे सोसायटियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की कार्रवाई भी की जा सकती है। गौरतलब है कि खरीफ सीजन में जिले के 117 खरीदी केन्द्रों से करीब 65 लाख क्विंटल धान की समर्थन मूल्य में खरीदी हुई थी। इसमें उपार्जन केन्द्रों से धान उठाव करने के बाद 50 केन्द्रों से 12 हजार 859 क्विंटल धान सूखने की रिपोर्ट सामने आई है।

इन सोसायटियों में शार्टेज का मामला
सरकारी आंकडों के अनुसार जिले के जिन सोसाइटियों और धान उपार्जन केंद्रो में धान के शार्टेज का मामला सामने आया है उसमें आंतरगांव, छछानपहरी, औधी, सीतागांव, कुमर्दा, कुहीकला, कोकपुर, कौड़ीकसा, खुर्सीपार मुढीपार, गैंदाटोला, गोटाटोला, घुमका, पटेवा, चिल्हाटी, चौकी, छुरिया, जोशी लमती, डोकराभांठा, ढाढूटोला, ढारा, नचनिया, पनियाजोब, भर्रीटोला, महराजपुर, सडक चिरचारी, साल्हेटोला, गहिराभेड़ी, लालबहादुर नगर, पैलीमेटा, सीतागोटा, सिंघोला, कनेरी, मानिकचौरी, मेढा, मडियान, चारभांठा, शिकारी महका, बोरतलाव, बागरेकसा शामिल है। इसमें कई सोसाइटियां ऐसे है जहां पांच सौ क्विंटल से अधिक के धान के शार्टेज का मामला सामने आया है वहीं कुछ धान खरीदी केद्रों में सौ क्विंंटल से कम के शार्टेज का मामला है।
धान उठाव की जिम्मेदारी मार्कफेड की
रिपोर्ट सामने आने के बाद राज्य सरकार ने उपार्जन केन्द्रों के अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं। इस मामले में सोसायटी संघ ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पूरा ठिकरा मार्कफेड पर फोड़ दिया है। सोसायटी संघ का कहना है कि सोसायटी की जिम्मेदारी धान खरीदी करना है। जबकि खरीदी के 72 घंटे के अंदर धान का उठाव करने की जिम्मेदारी मार्कफेेड का है। संघ के अधिकारियों ने कहा कि समय पर धान का उठाव हो जाता तो सूखत की नौबत ही नहीं आती।

जिले के करीब 50 उपार्जन केन्द्रों में बड़े पैमाने पर धान सूखत का मामला समने आया है। धान का मिलान करने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– टीके वर्मा, कलेक्टर राजनांदगांव

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